________________
प्रास्तिकता से अनुप्राणित है । उनकी दृष्टि मे होनहार के द्वारा ईश्वर के अस्तित्व का ही बोध होता है । उनकी ईश्वरीय प्रास्था जीवन को सम्बल प्रदान करती है ।
जैनेन्द्र का साहित्य अध्यात्म तथा भौतिकता का समुच्चय है । उनके अनुसार जीवन की सार्थकता उसके भोग मे है, तिरस्कार में नही । वस्तुत वे जैन धर्म द्वारा प्राप्त होने वाली व्यक्तित्व - कृशता को स्वीकार नही करते । जैनेन्द्र का साहित्य जैन धर्म के प्रस्ति नास्तिवाद से प्रभावित है । उन्होने धर्म को स्वभाव के अर्थों में ही ग्रहण किया है । जैनधर्मी होने के कारण जेनेन्द्र ने सभी धर्मो के प्रति प्रादर का भाव व्यक्त किया है, तथापि उनकी निष्ठा जैनधर्म मे ही है । उनके साहित्य मे धर्म तथा विज्ञान का सामजस्य दृष्टिगत होता है । जैनेन्द्र की धार्मिक दृष्टि प्रहिसामूलक है । उनकी अहिसा - नीति गाधीजी की अहिसात्मक दृष्टि से प्रभावित है । जैनेन्द्र ने ग्रह से मुक्ति को ही सच्ची मुक्ति बताया है । जैनेन्द्र के अनुसार भाग्य का विषय त है और पुरुषाथ का अर्थ केवल श्रम करना ही नही है, वरन् श्रम के साथ ही ईश्वर के सहयोग को भी स्वीकार करना आवश्यक है । केवन पुरुषाय को मानने से व्यक्ति मे अह भावना आती है ।
जनेन्द्र साहित्य क्षेत्र में एक नवीन मोड लेकर प्रविष्ट हुए और वह नवीनता सहज है, सायास नही । श्रेय और प्रेय मे समन्वय, सत्य पर आस्था, नारी की उदात्तता यादि के प्रति सलग्नता भी जैनेन्द्र क साहित्य में निहित है । सब मिलाकर जैनेन्द्र न जीवन को उसके सम्पूर्ण परिप्रेक्ष्य में देखने की चेष्टा की है ।
हिन्दी के ऐसे प्रतिष्ठित और उच्च कोटि के विचारक एव चिन्तक साहित्यकार की कृतियों को अपने प्रत्ययन का विषय बनाकर डा० ( श्रीमती पुरी) कुसुम कक्कड ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हिन्दीविभाग में अध्ययन कर जिस शोध-प्रबन्ध पर डी० फिल्०' की उपाधि प्राप्त की, वह जैनेन्द्र- साहित्य के अध्ययन की एक विशिष्ट कडी है । विदुषी लेखिका ने जैनेन्द्र-साहित्य का मर्म पहचानने की प्रभुत क्षमता का परिचय दिया है । मुझे आशा ही नही, पूर्ण विश्वास हे कि जैनेन्द्र-साहित्य के विद्यार्थियों के लिए उनकी यह पुस्तक अत्यन्त उपादेय सिद्ध होगी और हिन्दी के निष्पक्ष सुधी आलोचको म उनकी इस रचना का आदर होगा । इतनी सुन्दर रचना के लिए, में डाल ( श्रीमती पुरी ) कुसुम कक्कड को बधाई देता हू ।
लक्ष्मीerre वाय
प्रोफेसर एव अध्यक्ष, हिन्दी - विभाग, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी