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विविध प्रसंग।
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___७. सुमेरचन्द्र जैनबोर्डिंग हाउस, प्रयाग ।
यह बोर्डिंग हाउस लगभग तीन वर्षसे स्थापित है । स्व० बाबू सुमरेचन्दनीकी धर्मपत्नीने इसे २५ हजारकी रकम देकर स्थापित किया है । इलाहाबाद यू. पी. में शिक्षाका प्रधान केन्द्रस्थल है । वहाँ दूरदूरके विद्यार्थी उच्चश्रेणीकी शिक्षा प्राप्त करनेके लिए आया करते हैं। यदि उनके एकत्र रहनेकी व्यवस्था हो तो बहुत लाभ हो सकते हैं। उनके लिए उच्चश्रेणीकी धार्मिक शिक्षाका पूरा पूरा प्रबन्ध न भी हो सके तो भी अपने साधर्मियों और सजातियोंमें मिल जलकर रहनेसे उनमें जातिप्रेम, धर्मकी सेवाके विचार अनेक तरहसे पुष्ट होते हैं और यह साधारण लाभ नहीं है । यही सोचकर यह बोर्डिंग खोला गया है । इससमय १५ विद्यार्थी कालेजोंकी उच्च श्रेणियोंमें पढ़नेवाले हैं। आगे इससे भी अधिक होनेकी संभावना है। इन विद्यार्थियोंने एक सभा खोल रक्खी है जिसकी कारवाई देखकर जान पड़ता है कि विद्यार्थी उत्साही हैं और वे अपने आगामी जीवनमें जैनममाजकी अच्छी सेवा करेंगे। उनमें धार्मिक और जातीय भाव बढ़ रहे हैं। इस संस्थाकी जो दूसरे वर्षकी रिपोर्ट हमारे पास आई है उससे मालूम होता है कि संस्थामें खर्चकी बहुत संकीर्णता है। पिछले वर्षमें लगभग १२०० ) का खर्च हुआ है जो कि अमदनीसे सौ सवासौ रुपया कम है। आगे इससे भी कम आमदनी हो जायगी; क्यों कि ध्रुवफंडकी रकममेंसे ९ हज़ारकी एक इमारत खरीद ली गई है।
जैनसमाजको इस संस्थाकी ओर ध्यान देना चाहिए और इसे एक विशालरूपमें स्थायी कर देना चाहिए जिससे इसमें कमसे
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