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जैनहितैषी
३-यह करता है जो अपने मालिक पै कुरबों।..
खिलौना है बच्चोंका घरका निगहबां ॥ ४-भरा है वह खूने-मुहब्बत रगोंमें ।
सगोंमें न देखा जो देखा संगोंमें ॥ ५-जेहांमें है मशहूर इसकी भलाई ।
मगर नाममें है क्या इसके बुराई ? ६-किसी आदमीको कहें हम जो कुत्ता।
तो मुंह पर वहीं दे पलट कर तमाचा ॥ ७-पड़े मार खाकर भी वह दुम दबाना ।
कि दुर्शवार होजाय पीछा छुड़ाना ॥ ८-कहा उससे 'लुकमान' ने बात यह है। .
खुली बात है कुछ मुइँम्मा नहीं है । ९-यह माना, है बेशक वफ़ादार कुत्ता।
बड़ा जांनिसार और गमवार कुत्ता ॥ १०-मगर किससे है उसकी यह खरख्वाही । ___यह टुकड़ों पै है सबके घरका सिपाही ॥ ११-फ़कत आदमी पर है सब जांनिसारी ।
मगर क़ौमकी कौम दुश्मन है सारी ॥ १२-यह रखता है दिलमें मुहब्बत पराई ।
खटकते हैं इसकी निगाहोंमें भाई ॥ . १ प्राण । २ बलि । ३ रखवाला । ४ कुत्तोंमें ।' ५ जहानमें-दुनियामें । ६ कठिन । ७ गूढ़बात। ८ प्राणन्योछावर करनेवाली । ९ क्षमावान् ।
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