Book Title: Jain Hiteshi 1914 Ank 03
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

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Page 100
________________ १)सूरजमल, अजमेरा गया २९) दौराखर्च कोल्हापुर १)ब बू गुणेंद्रप्रसादजी मारा... इंदौरका बनारसीदासजैन कांधला . . ६A)। फुटकरखर्च तेलबत्ती मुखरामजी कलकता लिफाफेवगरहूका १रामविलासजी पाटणी गया . ३३४॥)। १)रंखचंदछाबड़ा गया १)पुरुषाचमलालजी छपरा १)भूरालाल कंछेदीलाल: 91) बंगीयसार्वधर्मपरिषदका ___ पं.मोतीलालजी का आया १३) ३२१) शेष रहे ३३४॥ में संक्षिप्त हिसाब है परंतु खाते रोजनामें व्योरेवार सब हिसाब है किसी महाशयको किसी हिसाबके देखने की इच्छा हो तो पत्र द्वारा आज्ञा करने पर तत्काल ही ब्योरेवार लिखकर भेज दिया जायगा। जैनसमाजका दासपन्नालाल बाकलीवाल... : मंत्री-मारतीय जैनसिद्धांतप्रकाशिनी संस्था, ठि.-मदागिनबनमंदिर पोट-बनारस सिटी। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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