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जयन्त नाटक। कविशिरोमाण शेक्सपियरके 'हेम्लेट' का हिन्दी अनुवाद । इस नाटककी प्रशंसा करना व्यर्थ है। अनुवादके विषयमें इतना कह देना काफी होगा कि इसे बिलकुल देशी पोशाक पहना दी गई है और इस कारण इस देशवासियोंके लिए यह बहुत ही रुचिकर होगा। रूपान्तरित होने पर भी यह अपने मूलके भावोंकी खूब सफलताके साथ रक्षा कर सका है। रंगमंच पर अच्छी तरह खेला जा सकता है । मूल्य ॥) हिन्दी-ग्रन्थरत्नाकर-सीरीजकी नई पुस्तकें
स्वदेश-जगत्प्रसिद्ध कविसम्राट् डा० रवीन्द्रनाथ टागोरके ८ निबन्धोंका संग्रह । जो लोग असली भारतवर्षके दर्शन करना चाहते हैं, भारतके समाजतंत्र और राष्ट्रतंत्रका रहस्य समझना चाहते हैं, पूर्व
और पश्चिमके भेदको हृदयंगम करना चाहते हैं और सच्चे स्वदेशसेवक बनना चाहते हैं उन्हें यह निबन्धावली अवश्य पढ़ना चाहिए । यह सीरीजकी आठवीं पुस्तक है । मूल्य दश आने।
चरित्रगठन और मनोबल-इसमें इस बातको बहुत अच्छी तरहसे बतला दिया है कि मनुष्य अपने चरित्रको जैसा चाहे वैसा बना सकता है । मानसिक विचारोंका चरित्र पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है । सीरीजकी यह नवीं पुतक है । मूल्य तनि आने ।
आत्मोद्धार-यह सीरीजका दशवाँ ग्रन्थ है। यह अमेरिकाकी नीग्रो ( हबशी) जातिके नेता डा० बुकर टी. वाशिंगटनका आत्मचरित है। वाशिंगटन एक अतिशय दरिद्र गुलामकी झोपड़ीमें पैदा हुए थे। शिक्षाका कोई इन्तजाम न था। उनकी जातिका पशुओंके बराबर भी हक न था। ऐसे मनुष्यने अपनी उद्योगप्रियता, दृढविश्वास, अश्रान्त परिश्रम और परोपकार शीलतासे इस समय जो प्रतिष्ठा प्राप्त की है
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