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( ५ )
महावीरचरित ।
श्रीयुक्त ब्रह्मचारी शीतलप्रसादजने हालही लिख कर प्रकाशित कराया है । अन्तिम तीर्थकर भगवान् महावीरका साधारण परिचय पाने के लिए इसे ज़रूर पढ़ना चाहिए । मूल्य एक आना । अकलंकचरित ।
इसमें अर्थसहित अकलंकाष्टक, अकलंकदेवका चरित, अकलंकाष्टकका पद्यानुवाद और अकलंकदेवका कुछ ऐतिहासिक परिचय दिया है । फिरसे छपा है । मू० तीन आना ।
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हिन्दी भक्तामर - और कल्याणमंदिर |
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दोनोंका जुदा जुदा मूल्य एक एक आना है । यह दोनों स्तोत्रोंका पं. गिरिधर शर्माका खड़ी बोलीमें किया हुआ पद्यानुवाद है ।
सीताचरित ।
इसमें सती सीताजीका पवित्र चरित है। बाबू दयाचन्द्रजी गोयलय बी. ए. ने नये ढंगसे शिक्षाप्रद बनकर लिखा है | भाषा भी सहज है । स्त्री-पुरुष सब लाभ उठा सकते हैं । मूल्य तीन आना ।
प्रद्युम्नचरितसार ।
बड़े प्रद्युम्नचरितकी कथाका सार भाग इसमें दिया गया है । भाषा सरल है | लेखक; बाबू दयाचन्द्रजी गोयलीय बी. ए. । मूल्य छह आना ।
सूतकी मालायें
जा देनेके लिए बहुत अच्छी होती हैं । एक रुपयेकी दशके हिसा - बसे हमारे यहाँ हर समय मिलती हैं ।
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