Book Title: Jain Hiteshi 1914 Ank 03
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

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Page 27
________________ जयपुरराज्य, अँगरेज़ सरकार और सेठीजीका मामला। १५१ ९. सहायता कीजिए। जैनमित्रके सम्पादक श्रीयुत ब्र० शीतलप्रसादजीने सेठीजीके कुटुम्बकी सहायताके लिए और दूसरे प्रयत्न करनेके लिए एक फण्ड खोला है। हम अपने पाठकोंसे निवेदन करते हैं कि वे अपनी शक्तिके अनुसार कुछ न कुछ सहायता इस फण्डमें अवश्य दें और अपने मित्रबन्धुओंसे भी दिलवावें । रुपया जैनमित्र आफिस, गिरगाँव-बम्बईके पतेसे या काशीके पतेसे भेजना चाहिए। . जयपुरराज्य, अँगरेज़ सरकार और सेठीजीका मामला। पा चोरा ( खानदेश ) में सेठ बच्छराज रूपच - न्दजी एक उदार धनिक हैं । आप स्थानक Maha_ वासी जैन हैं । आपने पाचोरामें जैन और अजैन सबके पढ़नेके लिए एक स्कूल बनवाया है । ता० ७ दिसम्बरको पूर्वखानदेशके कलेक्टर ओटो रोथफील्ड साहबके हाथसे यह स्कूल खुलवाया गया। उस समय आसपासके बहुतसे जैन अजैन सज्जन आमंत्रित होकर आये थे । साहब बहादुरने द्वारोद्धाटन करते समय सेठ बच्छराजजीको उनकी इस उचित: दानशीलताके उपल Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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