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जावें तो अच्छा हो । रामचरितसे क्या क्या शिक्षायें मिल सकती हैं
और रामचरितमें क्या महत्त्व है यह कई लेखोंमें समझाया गया है। हम आशा करते हैं कि हिन्दीप्रेमी इस पत्रका आदर करेंगे।
१२. आरोग्यसिन्धु–सम्पादक, राधावलभ वैद्यराज और प्रकाशक पं० व्रजवल्लभ मिश्र, अलीगढ़। वार्षिक मूल्य ६॥)। यह खुशीकी बात है कि हिन्दीमें अब वैद्यकसम्बन्धी भी कई पत्र निकलने लगे हैं। इसके अब तक ६-७ अंक निकल चुके हैं। चौथा पाँचवाँ सयुक्त अंक हमारे पास समालोचनाके लिए आया है । इसमें क्षयरोग, रसायन
औषधियोंसे आयुवृद्धि, आयुर्वेदका ऐतिहासिक महत्त्व, वेदोंमें औषधिप्रार्थना, आयुर्वेदमें भूतविद्या आदि कई उपयोगी लेख हैं । जो लोग वैद्यकसम्बन्धी ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं इस पत्रको उन्हें आश्रय देना चाहिए । पत्रकी भाषामें कुछ संशोधनकी आवश्यकता है।
१३. मनोरंजनका विशेष अङ्क–सम्पादक और प्रकाशक पं० ईश्वरीप्रसाद शर्मा, आरा । मूल्य १)। यह बड़ी ही प्रसन्नताकी बात है कि हिन्दीका मासिक साहित्य दिनों दिन उन्नति कर रहा है । इस विषयमें वह मराठी और गुजरातीका भी नम्बर ले रहा है । इस समय . हिन्दीमें कई अच्छे मासिक पत्र निकल रहे हैं । आराका मनोरंजन भी उनमेंसे एक है । इसने अब दूसरे वर्षमें पैर रक्खा है और बड़े उत्साहसे अपना यह विशेष अंक प्रकाशित किया है। इस अंकमें ६-७ चित्र और ३५ लेख तथा कविताये हैं । हिन्दीके नामी नामी लेखकों और कवियोंकी रचनासे यह विभूषित है । कवरपेज कई रंगोंमें सचित्र छपा है। खर्च खूब किया गया है। हिन्दी प्रेमियोंको इसे अपनाना चाहिए।
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