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मालूम हुई हैं । इसी उपयोगिताके कारण इन लेखोंका इतिहास में बड़ा मान है । भारतवर्षका प्राचीन इतिहास आज कल अधिक तर इन्हींके आधारपर बनाया जा रहा है। __ यद्यपि प्राप्त लेखोंकी एक बड़ी संख्या हो गई है तथापि अभी बहुतसे लेख गुप्त हैं । अभी भारतभूमिके गर्भ में बहुतसी सामग्री छिपी हुई है । जैसा पहले कहा जा चुका है ताम्रपत्रके लेख लोगोंके घरोंमें मिलते हैं । इनमेंसे बहुतसे सरकारने अपने कर्मचारियों द्वारा लोगोंके पाससे मँगवाकर विद्वानोंसे पढ़वाये हैं और बहुतसे अभी लोगोंके पास बाकी हैं । बहुतसे प्राप्त पाषाणलेख अभीतक पढ़े ही नहीं गये । अत एव अभी इस सम्बन्धमें बहुत काम शेष है। आगामी अन्वेषणोमें जैनइतिहाससम्बन्धी भी बहुतसी बातोंका पता अवश्य लगेगा।
मोतीलाल जैन, आगरा।
सत्यपरीक्षक यन्त्र। अब दुनियामें झूठ बोलनेवालोंकी गुज़र नहीं। सत्यको छुपा रखनेवाले अब छुप नहीं सकते। अदालतोमें, मामले-मुकद्दमोंमें मजिस्ट्रेटों और न्यायाधीशोंको अब गवाहोंके साथ जिरह करनेकी ज़रूरत नहीं रही। फिजूल ऊल-जलूल बातोंमें अब अदालतोंको अपना कीमती वक्त बरबाद न करना पड़ेगा। इस आश्चर्यजनक यन्त्रके आविकारसे अब कोई बात छुपा रखनेका उपाय नहीं रहा,- और मिथ्या वादी बातकी बातमें पकड़ लिया जायगा। . . मत समझिए कि यह कोई कोरी कल्पना है या चंडू खानेका गप्प है। सचमुच ही सचझूठके पकड़नेका यत्र तैयार होगया है। मि०
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