Book Title: Jain Hiteshi 1913 Ank 04 05 Author(s): Nathuram Premi Publisher: Jain Granthratna Karyalay View full book textPage 1
________________ जैनहितैषी। साहित्य, इतिहास, समाज और धर्मसम्बन्धी लेखोंसे विभूषित मासिकपत्र। सम्पादक और प्रकाशक-नाथूराम प्रेमी। दशवाँ भाग। माघ, फाल्गुन श्रीवीर नि० संवत २४४० ४-५ वाँ अंक EDDHOTO2PGCलदल विषयसूची। १बुकर टी० वाशिंगटन ... २ कन्या-निर्वाचन ३ आवरण ... २०५ ४ पुस्तक-परिचय ५ तेरापंथियों का सौभाग्य और गुरुओंकी दुर्दशा ६ जैनी क्या सबसे जुदा रहेंगे.? ७ समाजसम्बोधन (कविता) २४४ डॉक्टर सतीशचन्द्रकी स्पीच ऐतिहासिक लेखोंका परिचय १० सत्य-परीक्षक यन्त्र ११ विविध प्रसंग... १२ कर भला होगा भला ( गल्प) १३ सेठ हुकमचन्दजीकी संस्थायें १४ करो सब देशकी सेवा (कविता) १५ मीठी मीठी चुटकियाँ... ३१३ १६ विविधसमाचार पत्रव्यवहार करनेका पता श्रीजैनग्रन्थरत्नाकर कार्यालय, हीराबाग, पो. गिरगांव-बम्बई। WWWWWWWWDWOULD 0000MGENNO. bomoVu2YMS ROCEROलललल ३१२ Printed Kulkarni at his Karnatak Press,Page Navigation
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