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उत्तमोत्तम लेख व कविताओंसे विभूषित
हिन्दी भाषाकी सचित्र नवीन मासिक पत्रिका
"प्रभा।"
वार्षिक मूल्य केवल ३) रुपये। - प्रति मासकी शुक्ला प्रतिपदाको प्रकाशित होती है। महात्मा स्टेड सम्पादित रिव्यू ऑफ रिव्यूजके आदर्शपर यह निकाली गई है। इसमें नीति, सुधार, साहित्य, समाज, तत्त्व तथा विज्ञानपर गम्भीरतापूर्वक विचार कर हिन्दीकी सेवा करना इसका एकमात्र ध्येय है। हिन्दीके भारी भारी विद्वान् व कवि इसके लेखक हैं । आप पहिले केवल 1) आनेके पोस्टेज टिकिट भेजकर नमूना मँगाकर देखिये। __ आपने प्रभापर की हुई समालोचनाएं पड़ी ही होंगी। प्रभाके लेखक वे ही महामान्य हैं, जिनके नाम
हितारम बार बार लिए जाते है । तीन रङ्गोंमें विभूपित एक चतुर चित्रकारका अनुपम चित्र कव्हरकी शोभा बहा रहा है। प्रभाके लेखों एवं चित्रोंका स्वाद तो आप तभी पा सकते हैं जब उसकी किसी भी मामकी एक प्रति देख लें।
प्रभाकी प्रशंसामें अधिक कहना व्यर्थ है ।
मैनेजर .....प्रभा,
वडवा मध्यप्रदेश
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