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___एक और उदासीनाश्रम—इन्दौरके उदासीनाश्रमके अतिरिक्त कुण्डलपुर, जिला दमोहमें एक और आश्रम खुलनेवाला है। उसका नाम होगा ' श्री महावीर उदासीनाश्रम '। लगभग आठ हजारका चन्दा हो गया है। ___ हिन्दीमें विश्वकोष—प्राच्यविद्यामहार्णव बाबू नगेद्रनाथने २७ वर्ष लगातार परिश्रम करके बंगला भाषामें 'विश्वकोश' तैयार किया है। उसमें लगभग ७ लाख रुपये खर्च हुए हैं ! यह 'इन्साइक्लोपेडिया ब्रिटानिका' के ढंगका है। अब बाबू साहबने हिन्दीमें भी इसी ढंगका “विश्वकोष' लिखना प्रारंभ कर दिया है। मासिकरूपसे निकलेगा। वार्षिक मूल्य चार रुपया है। इसमें भी उतना ही खर्च होगा। पर यह बंगलाका अनुवाद न होगा--उसकी केवल सहायता लेकर स्वतन्त्र लिखा जायगा। इसे पर्यायवाची शब्दोंका ही कोष न समझना चाहिए यह ज्ञानका भण्डार है। केवल अकबर शब्दही पर इसमें कई पृष्ठोंका महत्त्वपूर्ण निबन्ध है। हिन्दीका अहोभाग्य है। • स्याद्वादपर व्याख्यान-पूनमें एक संस्था है। उसकी ओरसे प्रतिवर्ष वसन्त ऋतुमें बड़े बड़े विद्वानोंके व्याख्यान होते हैं । इस वर्ष ता०. ८ मईको शोलापुर जैनपाठशालाके अध्यापक पं० वंशीधर - शास्त्रीका श्रीयुक्त वासुदेव गोविन्द आपटे बी.ए. के सभापतित्वमें स्याद्वाद' के विषय में व्याख्यान हुआ। सार्वजनिक संस्थाओंमें इस तरहके व्याख्यानोंसे बहुत लाभ होनेकी संभावना है।
द्वीपान्तरोंमें भारतीय सभ्यता-पूर्वकालमें भारतवासियोंने भी दीपान्तरोंमें जाकर अपने उपनिवेश स्थापित किये.थे । अभी अभी ऐसे कई द्वीपोंका पता लगा है। जावा (यवद्वीप) में प्राचीन भारतवासियोंके वंशज अब तक मौजूद हैं। वे यहाँ सरीखी धोती पहनते.
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