Book Title: Jain Hiteshi 1913 Ank 04 05
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Jain Granthratna Karyalay

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Page 143
________________ षोड़शी-बंगलाके सुप्रसिद्ध गल्पलेखक बाबू प्रभातकुमार मुख्योपाध्याय बैरिस्टर ऍटलाकी पुस्तकका अनुवाद । इसमें छोटे छोटे १६ खण्ड उपन्यास हैं । मूल्य १) __ महाराष्ट्रजीवनप्रभात-सर रमेशचन्द्र दत्तके वंगला ग्रन्थका नया हिन्दी अनुवाद, इंडियन प्रेसका। वीर रसपूर्ण बड़ा ही उत्तम उपन्यास है ॥ राजपूतजीवनसन्ध्या -यह भी उक्त ग्रन्थकारका ही बनाया हुआ है। इसमें राजपूतोंकी वीरता कूट कूट कर भरी है । मूल्य बारह आने । सुशीलाचरित--स्त्रियोपयोगी बहुत ही सुन्दर ग्रन्थ । मूल्य एक रुपया शेख चिल्लीकी कहानियाँ । पुराने ढंगकी मनोरंजक कहानियाँ हाल ही छपी हैं । बालक युवा वृद्ध सबके पढ़ने योग्य । मूल्य ॥) ठोक पीटकर वैद्यराज । यह एक सभ्य हास्यपूर्ण प्रहसन है। एक प्रसिद्ध :- फ्रांसीसी ग्रन्थके आधारसे लिखा गया है । हंसते हंसते आपका पेट फूल जायगा। आजकल विना पढ़े लिखे वैद्यराज कैसे बन बैठते हैं, सोभी मालूम हो जायगा। मूल्य सिर्फ चार आना। आर्यललना--सीता, सावित्री आदि २० आयस्त्रियोंका संक्षिप्तजीवनचरित। मूल्य । बालाबोधिनी--पाँच भाग । लड़कियोंको प्रारंभिक शिक्षा देनेकी उत्तम पुस्तक । मूल्य क्रमसे - ), ), ।), ।),)। .. आरोग्यविधान--आरोग्य रहनेकी सरल रीतियां । मू००)॥ अर्थशास्त्रप्रवेशिका--सम्पत्तिशास्त्रकी प्रारंभिक पुस्तक । मूल्य ।) सुखमार्ग-शारीरिक और मानसिक सुख प्राप्त करनेके सरल उपाय । मू०।) कालिदासकी निकुशता--महाकवि कालिदासके काव्यदोषोंकी समालोचना । पं० पहावीरप्रसादजी द्विवेदीकृत । मूल्य।) हिन्दीकोविदरत्नमाला--हिन्दीके ४४ विद्वानों और सहायकोंके चरित। मू० १॥) कर्तव्यशिक्षा-लार्ड चेस्टर 'फील्डका पुत्रोपदेश । मूल्य १) रघुवंश-महाकवि कालिदासके संस्कृत रघुवंशका सरल, सरस और भावपूर्ण हिन्दी अनुवाद। पं० महावीरप्रसादजी द्विवेदी लिखित । मूल्य २) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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