Book Title: Jain Agamo ka Arthashastriya Mulyankan
Author(s): Dilip Dhing
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 11
________________ 226-240 / - दान और समता - दान के दस प्रकार - आपातकाल में दान - जगडूशाह - भामाशाह - गृहस्थाचार और राष्ट्रधर्म - ठाणांग के दस धर्म परिच्छेद तीन : व्यसन निषेध और मार्गानुसारी के गुणों का आर्थिक पक्ष - सप्त व्यसन - मांसाहार - मद्यपान - पर-स्त्री गमन या पर-पुरुष गमन - वैश्या गमन - शिकार - चोरी - जुआ - अन्य व्यसन - मार्गानुसारी के 35 गुण . अध्याय पंचम : अहिंसा और संयम का अर्थशास्त्र परिच्छेद एक : सिद्धान्त व दर्शन का अर्थशास्त्र - सिद्धान्त व दर्शन का अर्थशास्त्र के साथ सह- सम्बन्ध - तत्त्वज्ञान - पुण्य तत्त्व - पाप तत्त्व - आश्रव, बन्ध व संवर - निर्जरा (तप) परिच्छेद दो : अनेकान्त, कर्मवाद और पुरुषार्थ - सापेक्षता और अनेकान्त - आर्थिक जगत् में अनेकान्त - नयवाद - प्रबन्ध में अनेकान्त 241-300 242-252 253-263

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