Book Title: Jain Agamo ka Arthashastriya Mulyankan
Author(s): Dilip Dhing
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 10
________________ 174-240 175-211 - जल-मार्ग - समुद्री मार्ग - यान और वाहन - जल वाहन - वायुयान - आर्थिक पक्ष से जुड़े प्रमुख चरित्र - माकन्दी सार्थवाह - धन्य सार्थवाह - समुद्रपालीय - उपासकदशांग के दस श्रावक अध्याय चतुर्थ : मूल्यपरक अर्थव्यवस्था परिच्छेद एक :अणुव्रतों का अर्थशास्त्र - बारह व्रतों का आर्थिक अध्ययन - अहिंसा - सत्य - अचौर्य - ब्रह्मचर्य - अपरिग्रह - रात्रि भोजन निषेध - दिशा परिमाण व्रत - उपभोग-परिभोग परिमाण व्रत - पन्द्रह कर्मादान - अनर्थदण्ड विरमण व्रत - सामायिक व्रत - देशावकाशिक व्रत - पौषधोपवास व्रत - अतिथि-संविभाग व्रत परिच्छेद दो : दान, गृहस्थाचार और राष्ट्र-धर्म - वर्षीदान - निर्धन ब्राह्मण को वस्त्रदान - दान प्रथम - दान बनाम संविभाग - दान और अणुव्रत 212-225

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