Book Title: Himalay Digdarshan
Author(s): Priyankarvijay
Publisher: Samu Dalichand Jain Granthmala

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Page 14
________________ श्री बद्रीनाथाय नमः दिन * हरद्वारसे यमुनोत्री माईल १६५ समय देनोपनं० नाम माईल स्थान सुबह सत्यनारायण ७ धर्मशाला ऋषिकेश ८ ३ लक्ष्मणमुला ३ , ४ गरुड़चट्टी २ , नाई मोहन ७ बन्दर भेल शाम ७ महादेव ३ " सुबह ८ काण्डी ७ , शाम सुबह Gm, com *यह स्थान गंगा तटके दाहिने ओर बसा हुआ है। यह हिन्दू धर्मका परम पवित्र तीर्थस्थान है । हिमालय पहाड़के गंगोत्री नामक स्थानसे निकलकर सैकडों मील दुर्गम पहाडों के बीच बहती हुई गंगा मैदानमें सर्व प्रथम यहीं से दिखाई देती है। इसीसे इसे गहाद्वार कहते हैं। वर्तमानमें बह स्पान हरद्वार (हरिद्वार) के नामसे प्रसिद्ध है। प्राचीन माया क्षेत्र भी है। वहां पर धर्मशालाएं अनेक हैं। यहांका जल वायु बहुत ही स्वास्थ्यप्रद है । उत्तरीय भारतके हिमाच्छादित पहाडी प्रदेशका अन्त तवा मैदान का प्रारम्म इसी स्थानपर होता है। बर्फसे ढकी हुई हिमालय की चोटीका प्रातःकालीन यहाँ दृश्य बड़ा ही मनोमुग्धकारी है। यहां Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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