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हरिद्वार
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अलकनन्दा और मन्दाकिनीके संगम पर यात्री स्नान करते है। यहांसे गुप्त काशी माईल २५ पर है और वहांसे केदार माइल २४। यहांका बाजार अच्छा है, डाकखाना और तारघर है। यहाँसे आगे १॥ माईल जानेके बाद १॥ माईल कड़ी चढ़ाईका अनुभव करनेके बाद पंचभाइयोंकी खाल नामक चट्टी पाती है। उस चट्टोपर बद्री और हरिद्वारका मार्ग आधो अाध होता है । पंचभाइयोंकी खालसे भट्टीसेरा तक उतार ही उतार का रास्ता है।
पता-पोस्ट माष्टर साहेब
रुद्रप्रयाग (यू० पी० उत्तराखण्ड ) (७) भट्टी सेरा-चट्टीसे बाबा कालीकमलीवालेकी धर्मशाला और सदाव्रत दो फलोग दूर है। यहांसे देवप्रयाग तक मार्ग अच्छा और सीधा चला गया है।
(८) श्रीनगर-ये हिमालयका श्रीनगर है, इसका बाजार जयपुरसे मिलता-जुलता है । यह गढ़वालका सबसे बड़ा और प्राचीन नगर अलकनंदाके किनारे पर बसा हुमा है। यहां कमलेश्वर महादेवका मंदिर हैं और अलकनंदा तथा खाण्डव नदीका संगमसे थोड़ी ही दरपर है। यहां सभी आवश्यक चीजें मिलती है। यहां बाबा कालीकमलीवालेकी धर्मशाला और सदावत है। यहां अस्पताल, डाकखाना, तारधर, पुलिस स्टेशन और हाईस्कूल है। यहाँसे एक सड़क कोटद्वार रेलवे स्टेशन तक गई है। यहाँसे ऋषिकेश तक मोटर जाती है।
पता-पोस्ट मास्टर साहेब श्रीनगर (पू० पी० उत्तराखण्ड गढ़वाल)
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