Book Title: Himalay Digdarshan
Author(s): Priyankarvijay
Publisher: Samu Dalichand Jain Granthmala

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Page 85
________________ : ७२ : हिमालय दिग्दर्शन (९) रानी बाग-स्थान अच्छा है । (१०) देवप्रयाग-यहांसे हरिद्वार तकके मार्गकी नोंध हरिद्वारसे यमुनोत्रीके मार्ग वर्णनमें हरिद्वारसे :देवप्रयाग की नोंध लिखी गई है इसमें देखिये पेज नं० ४५ । यहांसे ऋषिकेश ओर ऋषिकेश से हरिद्वारको मोटर जाती है। बहुतसे यात्री ऋषिकेशसे सवार न होकर हरिद्वारसे सघार होकर अपने २ स्थानको रवाना होते है। हरिद्वारसे देवप्रयाग होकर यमुनोत्री माईल १६५, यमुनोत्रीसे गंगोत्री माईल ९९, गंगोत्रीसे केदार नाथ माईल १२३, केदारनाथ से बद्रीनाथ माईल ११०, और बद्रीनायसे देवप्रयाग होकर ऋषिकेश माईल १७० और वहांसे हरिद्वार माईल १५ होता है । हरिद्वारसे हरिद्वार उत्तराखण्डकी कुल मुसाफिरी ६८५माईलकी होती है। विहार किया संवत् १९९५ समा Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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