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हिमालय दिग्दर्शन
(३) कर्णप्रयाग-यहां पिण्डरगंगा और अलकनंदा के संगमपर स्नान होता है। बाबा काली कमलीवालेकी धर्मशाला और सदाव्रत है। यहांकी बस्ती बड़ी है। यहां अस्पताल, डाकखाना, तारघर और पुलिस स्टेशन है। उत्तराखण्डकी यात्रा यहीपर समाप्त होती है। यहांसे बहुधा यात्री हरिद्वार न जाते हुए मैलचौरी-गणाई होकर रामनगर या काठगोदाम जाकर ट्रेन पकड़ लेते हैं। मगर हरिद्वारसे ट्रेन पकड़ने में एक तो रास्ता अच्छा और दूसरी ये बात है कि अहांसे यात्रा प्रारम्भ की वहां जाकर समाप्त करनेसे यात्रा पूर्ण कही जाती है वो बात रहती है। अतः इससे यात्रियोंको हरिद्वार जाना चाहिये। कर्णप्रयागसे गणाई माईल ३९ और पहांसे रानीखेत ३८ माईल व रामनगर ५४ माईल है।
(४) गोचर-यह स्थान हरिद्वारसे बद्री हवाई जहाज में जानेवाले यात्रियोंके वास्ते हवाई जहाजका स्टेशन है। यहां का स्थान सुरम्य है।
(५) शिवानन्दी-यहां लक्ष्मीनारायणका मंदिर है। स्थान अच्छा है। शिवानन्दीसे रुद्रप्रयागके करीब अलकनन्दा मोर मन्दाकिनीके संगमपर स्नान करके केदारके रास्ते बाबा काली कमलीवालेकी धर्मशाला पहुंचते हैं। धर्मशालासे हरद्वारके यात्रीको संगमस्थान पर पुनः वापिस आना होता है और बायें हायके रास्तेसे हरद्वारको जाना होता है।
(६) रुद्रप्रयाग यहां बाबा कालीकमलीपालेकी धर्मशाजा और सवात केदार जानेवाली सड़कपर है। यहां
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