Book Title: Himalay Digdarshan
Author(s): Priyankarvijay
Publisher: Samu Dalichand Jain Granthmala

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Page 22
________________ यमुनोत्री : ११: (९) यमुनोत्री, गंगोत्री और विजुगी नारायण तक डाक 'घरकी बहुत असुविधाएं है। मगर त्रिजुगी नारायणसे केदार और बद्रीके रास्ते जगह २ डाकघर है और ऋषिकेशसे सीधे बद्री तक तो डाकघर की साथ टेलीग्राफ ऑफिस भी है। (१०) ऋषिकेशसे देवप्रयाग तक टिहरी रियासतमें होकर मोटर जाती है। और वहांसे केदार-बदीके रास्ते श्रीनगर तक भी मोटर जाती है मगर पैदल यात्रा करना ही यात्रीको उचित होता है। (१९) अब हवाई जहाजसे भी यात्राका प्रबन्ध हो गया है । अब तक केवल हरिद्वार, बद्रीनाथके मार्गमें गौचर माइल ११० तथा केदारनाथके मार्गमे अगस्त मुनि माइल १०६-ये तीन स्टेशन ही हवाई जहाजके बने हैं पर आगे नन्दप्रयाग, पीपलकोटी तथा पुरी बदरीनाथमें भी इसके स्टेशन बननेकी तनवीजा है। हरिद्वारसे हवाई जहाजमे बैठकर यात्री एक-एक घण्टे में इन दोनों स्टेशनोंको पहुंच सकता है । जो यात्री हरिबारसे हवाई नहाजमें अगरत मुनि और वहांसे पैदल या डांडीमें केदारनाथ और बद्रीनाथ होकर गौचर लौट आवे उसे केवल २२६ मीलकी यात्रा पैदल करनी पड़ती है जो १५. दिन में पूरी हो सकती है । जो यात्री गौचर तक हवाई जहाज होकर केवल बदरीनाथके ही दर्शन करना चाहे उसे १४० मील के करीब पैदल चलना पड़ता है। जो केवल १० दिनमें हो सकता है । जहाजका किराया हरद्वारसे गौचर या अगस्त Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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