Book Title: Himalay Digdarshan
Author(s): Priyankarvijay
Publisher: Samu Dalichand Jain Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 62
________________ बद्री : ५१ : उत्तराखण्डकी यात्रामें केवल इसी स्थानमें कुआं है । यहांसे आगे चमोली तक उतार ही उतारका रास्ता है । बीचमें दो माईल पर नारायण चट्टी आती है। इस चट्टीसे सामने देव प्रयागसे ही सीधी बद्रीकी सड़क गई है वह दिखलाई देती है । चमोली अलकनंदा के पुलको पार करके जाना होता है । पुलके इस पार एक छोटासा अस्पताल है । [१०] चमोली [ लाल साँगा ] यह चट्टी अलकमंदाके किनारे है। यहां बाबा काली कमलीवालेकी धर्मशाला और सदाव्रत है। यहांकी वस्ती बड़ी है । यहां डिप्टी कलक्टर की कचहरी, अस्पताल, डाक खाना, तारघर और पुलिस स्टेशन है । बद्रीनाथसे पुनः इसी रास्ते होकर आगे बढ़नेका है, इसलिये यात्रियोंको चाहिए कि वे अपना अधिक सामान यहां ठेकेदारके यहां रख आगे यात्राके लिये प्रयाण करे। यहांसे हाट चट्टी माईल ६ तक मार्ग सीधा हैं । इस ओरकी चट्टियें पिछली चट्टियोंसे बहुत ठीक है । ११] हाट चट्टी - यहांसे पीपलचट्टी तक कुछ कड़ी चढ़ाईका अनुभव होता है । [१२] पीपल चट्टी - यहां बाबा काली कमलीवाले की धर्मशाला और सदाव्रत है। यहां ऊनी आसन, कम्बल, मृग चर्म, शिलाजीत और चमरी गायके चंवरकी अनेक दुकाने है । पहाड़की जड़ीबूटियां भी बिकती है। खाने Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86