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हिमालय दिगदर्शन
सीधे भीम चट्टीको चले जाते है । तुङ्गनाथसे भीमचट्टी ३ मील हे और रास्ता कड़ी उतारका हैं ।
[६] तुङ्गनाथ-यह हिन्दु धर्मका पवित्र तीर्थस्थान है। इस स्थानकी ऊंचाई समुद्रकी सतहसे १३,००० फीटसे कम नहीं है। इस कारण यहां अधिक शीत रहती है। इस स्थानसे यदि आकाश साफ है तो सारे उत्तराखण्डके तीर्थस्थानोंके दर्शन एक ही समयमें हो जाते है। उत्तराखण्डकी यात्रामें यही एक ऐसा स्थान है कि जो महान् रमणीक और चित्ताकर्षक है। यहां शिवजीके मन्दिरमें अनेक देवी-देवताओंकी मूर्तियां हैं। एक पंच धातुकी छोटी सी बौद्ध प्रतिमा भी हैं। यहां बाबा कालीकमलीवालेकी धर्मशाला और सदाव्रत है। यहां अमृत कुण्डमें यात्री स्नान करते है। यहांसे भीमचट्टी ३ मील हैं और वहां तक कड़ी उतार हैं।
[७] भीमचट्टी-यहांसे मंडल चट्टी तक उतार ही उतारका रास्ता हैं। बीचमे जंगल अधिक पड़ता हैं।
चट्टी-यहां बाबा कालीकमलीवालेकी धर्मशाला और सदाव्रत है। यहांसे आगे ३ माईलका सीधा रास्ता हैं और बादमें साधारण १॥ माईलकी चढाइके अन्तमें महादेव और लक्ष्मीनारायणका मन्दिर आता है, जहां वैतरणीकुंडमें यात्री स्नान करके आगे गोपेश्वर जाते है।
[९] गोपेश्वर-यहां गोपेश्वर महादेवका पुराना मंदिर हैं। यहांकी बस्ती बड़ी है, किन्तु जलकी कमी है । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com