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हिमालय दिगदर्शन
नोंध नं०
द्वारा यहांसे दाहिनी ओरकी त्रिजुगीनारायण और दूसरी रामपुरको गई है ।
सड़क
] रामपुर-यहां बाबा कालीकमलीवालेकी धर्मशाला और सदावत है। यहांसे केदार जानेवाले यात्री यदि चाहें तो शीतसे बचनेके लिये कम्बल उधार ले सकते हैं जो कि उन्हें वापसी में जमा कराने पड़ते हैं। यहांसे आगे ५ मील पर मैखण्डा चट्टी आती है, वहां एक भूला है उसे माईका झूला कहते हैं, झूलेपर झूलकर लोग आगे बढ़ते है। मेखण्डा चट्टीसे आगे ३॥ मील पर नारायण कोटी (भेत्ता चट्टी) है वहाँके प्राचीन मन्दिर वीरभद्रेश्वर, भस्मासुर, महादेव और सत्यनारायण आदि के हैं । नारायण चट्टोसे २ मीलपर नाला चट्टी है, वहां से बायें हाथकी सड़क ऊखीमठको और दूसरी गुप्तकाशीको गई है। माला चट्टीसे गुप्त-काशी ११ माईल है।
सकाची-यहां विश्वनाथजीका मन्दिर है। मन्दिरके सामने कुण्डमें स्नान होता है। यहाँके पण्डे लोग यात्रियों को बड़ी परेशानी पहुंचाते है। यहां बाबा कालीकमलीवालेकी धर्मशाला और सदावत है। यहां एक सड़क रुद्रप्रयागको २५ माईल गई है और दूसरी ऊखीमठ होकर बद्रीनाथजीको। यहांसे ऊखीमठ जानेको २ मील तक उतार ही उतारका रास्ता है और बादमें १ मीलकी कड़ी चढ़ाई है। यहां का स्थान अच्छा है। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com