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केदार
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लिगकी अनगढ़ता भङ्ग को गयी है । यहां बाबाका लोकमलोचालेकी धर्मशाला और सदाव्रत है। यहां धर्मगंगा बालगंगाके संगम पर यात्री स्नान करते हैं । यहां डाकघर और तारघर की बड़ी आवश्यकता मालूम होती है। यहांसे भैरवचट्टी तक साधारण कड़ी चढाईका मार्ग हैं । यात्रीको चाहिए कि सुबह जल्दीसे मार्ग तय करे ।
(७) भैरवचट्टी —यहांका स्थान अच्छा है। यहां भैरव च हनुमानजीका छोटा सा मन्दिर है। यहांसे भोटचट्टीका मार्ग सीधा है ।
(८) भोटचट्टी — यहां जलका आराम है। यहांसे कुछ चढाईके बाद मार्ग सीधा करीब ५ मील तक है और बादमें १॥ मीलकी कड़ी उतराईके बाद मार्ग धुचू तक सीधा मिलेगा।
(९) घुतू - यहां बाबा कालीकमलीवालेकी धर्मशाला और सदावत है। यहां भृगुगंगाके किनारे रुगनाथजीका मन्दिर है | यहांसे आगे १॥ मील गोपालचट्टी है, मार्ग साधारण ठीक हैं, इससे आगे १॥ मोलकी चढाई है और बादमें साधारण चढाईबाला ३ मीलका मार्ग तय करने पर दुफन्दा चट्टी मिलती है । इस मार्ग में मक्खियोंका उपद्रव अधिक रहता है। इस मार्ग में जंगल अधिक पड़ता है। बारिश भी अधिक होती हैं, इसलिये चढ़ाई और उतारमें पैर फिसलता हैं ।
(१०) दुफन्दा - यह साधारण बट्टो होनेसे ठहरनेका सुभोता नहीं है इसलिये यात्रियोंको चाहिये कि पवाली पहुंच
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