Book Title: Himalay Digdarshan
Author(s): Priyankarvijay
Publisher: Samu Dalichand Jain Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 29
________________ हिमालय दिग्दर्शन (११) खर्माडा चट्टी - यहां एक छोटी धर्मशाला है। खानेपीनेकी पूरी चीजें यहां मिलती नहीं हैं। स्थान अच्छा है मगर जलका कष्ट है। यहांसे आगे रास्ता ठीक है । : १८ : (१२) बरुड्या चट्टी - यहां ठहरने वास्ते स्थान अच्छा नहीं है । खानेपोनेकी चीजें भी ठीक नहीं मिलती है। यहांसे "क्यारी चट्टी' ७ माइल होती हैं । (१३) क्यारी चट्टी - यहां ठहरने वास्ते स्थान अच्छा नहीं | यहांसे आगे ४ मील जानेके बाद टिहरी तक उतार ही उतारका रास्ता है । (१४) टिहरी - टिहरी स्टेट है और भागीरथी व भिलन गंगा के संगम पर बसा है। संगमस्थानको गणेश प्रयाग कहते है। लोहे के झूलेसे भिलंगना नदीको पार करके नगर में जाना होता है। यहां राजप्रसाद देखने योग्य है। यहां सिक्खोंकी एक छोटी धर्मशाला है। यहां डाकघर, तारघर और पुलिस स्टेशन है। यहां स्टेट मन्दिर से सदाव्रत भी मिलता है। यहांके वर्तमान नरेश नरेन्द्रशाह बहादुर पत्ता - पोस्ट मास्टर साहेब मु० टिहरी (यू० पी० उत्तराखण्ड) (१५) सिराई -स्थान अच्छा है। यहां आवश्यक खानेपीनेकी चीजें मिलती है। यहांसे आगे ॥ मीलकी कड़ी चढ़के बाद भील्डयाना तक उतार ही उतार मिलेगा । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86