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गंगोत्रो
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(४) मनेरी चट्टी-यहां बाबा काली कमलीबालेकी धर्मशाला है। यहां सदाव्रतके इच्छुक यात्री दो फर्लोग आगे पंजाब-सिंध क्षेत्रकी धर्मशालामें ठहरेते हैं।
(५) मल्ला चट्टी-गगोत्रीसे वापिस इसी स्थानकों मानेका है। इसी स्थानसे ही केदारनाथ और वापिस उत्तर काशी जानेका रास्ता है। पासमें अधिक सामान हो तो इस चट्टोमें न रखके आगे दो मीलपर भटवाडी (भास्कर ) में रखें।
(६) भटवाडी (भास्करप्रयाग) यहां भास्करेश्वर महादेवका पुराना मंदिर है। यहां बाबा काली कमलीवालेकी धर्मशाला और सदाव्रत है। स्थान अच्छा है किन्तु मक्खियों का उपद्रव अधिक रहता है। गंगोत्रीसे वापिस इसी स्थान होकर मल्ला चट्टी जाकर आगे बढ़नेका है, इसलिये यात्रियों को चाहिये कि वे अपना अधिक सामान इसी स्थान पर मोदियोंकी दुकान पर रख दे। यहांसे आगे गंगनानी जाते समय करीब ८ मील पर कुलानदीका पुल आता है। पुलके इस पार दाहिनी बगल पहाड़ पर एक रास्ता आधा फोगका गया है वहां गरम पानीका स्रोत है जो कि ऋषिकुण्ड कहलाता है। वहां यात्री स्नान करते हैं। मगर परिचित वहां कोई नहीं जाता क्योंकि वहाँको मक्खियां बड़ी परेशानी पहुंचानेवाली है।
(७) गंगनानी-यहां बाबा काली कमलीपालेकी धर्मशाला और सदावत है। यहांसे आगे ४ मीलतका कुछ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com