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श्रीन्यायाम्भोनिधि-श्रीमद्विजयानन्दसूरिभ्योनमः ॥
ग्रंथमाला. नं. १६
॥ अहम् ॥ ॥गिरनार गल्प ॥
प्रेरकशान्तमूर्ति मुनिमहाराज १०८ श्री ___ हंस विजयजी महाराज.
योजकजैनाचार्य श्रीमद्विजयानन्दम्ररि शिष्य-मुनि महाराज श्री लक्ष्मी विजयजी शिष्यमुनिमहाराज श्री हर्ष विजयजी शिष्यमुनिमहाराज श्री वल्लभविजयजी
शिष्य-पंन्यासश्री ललित विजयजी ॥
प्रकाशक- श्री हंस विजयनी फ्रो जैन लायब्रेरी श्रीवीर निर्वाण २४४८ श्री आत्म संवत् २६ विक्रम संवत् १९७८ इसवीसन १९२१
मूल्य आठ आना.
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