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(xii ) निष्कर्ष
चतुर्थ अध्याय
द्विसन्धान का महाकाव्यत्व द्विसन्धान का महाकाव्यत्व
१. सर्गबद्धता २. कथानक ३. कथानक का आधार ४. कथानक-व्यवस्था (i) मुख-सन्धि (ii) प्रतिमुख-सन्धि (iii) गर्भ-सन्धि (iv) विमर्श-सन्धि
(v) निर्वहण-सन्धि ५. अवान्तर-कथा योजना ६. वर्ण्य-विषय
(क) विशद (ख) अविशद (ग) नामोल्लेख ७. अतिप्राकृत और अलौकिक तत्त्व ८. आरम्भ ९. अन्त या समाप्ति १०. सर्ग-समाप्ति ११. नामकरण १२. नायक १३. प्रतिनायक १४. गौण-पात्र १५. रस-परिपाक १६. अलंकार-विन्यास