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पखोमा करें ५, प्राणी जीवने देखें दयारे निमित्ते पमिलेहणा करें ६. ६ उ प्रकारे इंखोनी रति घरति. श्रोत्रंडी सुणवाने अर्थ रागष करें १, चक्कुशी दे
खवाने विषे राग द्वेष करें ५, नाणेघी नाक वासनारे अर्थे राग क्षे करें ३, रसेंडी रस नोगववारे अर्थ राग शेष करें ४, स्पर्शजी स्पर्शने अर्थ राग शेष करें २, नोपीते मनने अर्थ राग ष करें ६.
y ६ प्रथम नरकगतिमेसें पाकर मनुष्य हुधा होप तिसके बहुलता लक्षण सो लि.*
कालो कुरूप १, क्वेशी होय १, रोगी होय ३, अति नयवान होय , अंगमेंसें .
गैध भावें ५, क्रोधी होय ६. ६ तिर्यंचगतिसे थाकर मनुष्य हुया होय तितके लक्षण. लोनी होय १,कपटी होय
२, जूठा होय.३, अति नूखा होय ४, मूर्ख होय २, मूर्खसें प्रीति होय ६. ए * ६ मनुष्यगतिमेसें श्राकर मनुष्य हुश्रा होय तिसके लक्षण. सरल होय १, सुनागी,
होय ,मीगबोलनेवाला होय ३,दाता होय, चतुर होय ५, चतुरसें प्रीति होय ६. ५० ६ देवगतिसें धाकर मनुष्य हुधा होय तिसके लक्षण. सत्यवादी दृढधर्मी होय १, दे.