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क १५० (नाष्य नही) सरवाले श्लोक २५५०० तथा १५०३ नीसाखमां आधुनिक श्री हेमविमलसूरिये ७००० श्लोकने थासरे दीपिका करेली, पण ते जुनीटीपोमां पूर्वाचार्योनी गणतीमा नथी, ३ श्रीगणांगसूत्र एना दश अध्ययन में एना मूख श्लोक ३१० तेनी टीका संवत ११३० मा श्रीधजयदेवसूरिकृत १५२५० श्लोकनी || बे सखाले १ए०२० श्लोक में, श्रीसमवायांगसूत्र एना मूल श्लोक १६६७ में ते टीका थनवदेवसूरिकृत ३७७६ श्लोकनी में एनी चूर्णी पूवाचार्यकृत ४०० श्लोक में सवाले एज्४३ संख्या थर, ए श्रीविवदापन्नत्ति जगवती सूत्र शतक ४१एमांत्रीश सहस्र प्रम गौतमना में मूल श्लोक १५७५२ टीका संवत ११२० मां श्रीथतयदेव सूरिनी करेली झोणाचार्य शोघेली १७६१६ श्लोकनी ने एनी चूर्णि ४००० श्लोक पूर्वाचार्य कृत ने सखाले ३०३६७ नी संख्या तथा एनी लघु वृत्ति संवत | १५६० ना वर्षमा दानशेखर उपाध्यायनी करेली १२००० श्खोकनी संख्या ६, श्री झाता धर्म कथांग सूत्र अध्ययन १ए, कथा जगणीश सांप्रत देखाय ने प्रथम सामीत्रण कोटि कथा प्रसिएनी श्लोक संख्या ५५०० तेनी टिका श्री.