Book Title: Chattrish Bol Sangraha
Author(s): Agarchand Bherudan Sethia
Publisher: Agarchand Bherudan Sethia

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Page 338
________________ जयदेव सूरि कृत ४२५५ श्लोक ७, श्री उपासकदशीग सूत्रं दश अँध्ययन मूल स्लोक २५ एनी टिका श्री अजयदेव सूरि कृत ए०० श्लोक वे सखाले १७१ ज, श्री अंतगमदशांग सूत्र एक अध्ययन के मूल श्लोक ए०० तथा अन्यदेवसूरि । कृत टिका १०० श्लोक ने सर्व संख्या १२००, ए, श्री अापत्तरोववार सूत्र तेत्रीश अध्ययन मुख श्लोक शU२ तथा अजयदेव सूरि कृत टिका १०० श्लोक जे सर्व सं-| ख्या ३५२. १०, श्री प्रश्न व्याकरण सूत्र दश अध्ययन रुप मुल श्लोक १२५० श्री । थनयदेव सूरि कृत टिका ४६०० सर्व संख्या ए७५०. ११ श्री विपाक सूत्र वीश* वंध्ययन ने मुल श्लोक १२१६ श्री अजयदेव सूरि कृत टिका ए०० श्लोकं सर्व मली ग्यारे अंगनी मुल संख्या ३५६एए तथा टिका ७३५४४ भने चूर्णि २२७०० तथा नियुक्ति ७०० मती १३५६०३ तथा सूयगमांगनी दिपीकानी संख्या जुदी ने एमां याचारोंग तथा सूर्यगमांगनी टिका श्री शीलांगाचार्य कृत ने. बाकी नव श्रंग-* नी टीका अनयदेव सूरि कृत ने माटे श्री अजयदेव सूरि नवांगी वृत्तिकारने नामे ||* उखखाय जे, हवे पार पांगनी संख्या लिंखे ने १२, श्री उववाश उपांग याचा-18

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