Book Title: Chattrish Bol Sangraha
Author(s): Agarchand Bherudan Sethia
Publisher: Agarchand Bherudan Sethia
View full book text
________________
नवीन खुश खबर. म्हारे त्या जैनधर्मनां, तत्वज्ञानना, अध्यात्मना भने दरेक जातनां पुस्तको जथ्थाबंध धणाज फायदेथी मळे बे. माटे घमारे त्यांथी मंगावq चुलता नहि. अमारो पुस्तको प्रसिक करवानो तथा वेचवानो वहीवट लगनग ४७ वरसथी चाले ने तो 'धमारो वहीवट | घणो जुनामां जुनो अने प्रसिकले.
अमारे त्यांथी लायब्ररीन, जैनशाळाजने सारु घणाजफायदेथी पुस्तको मोकलवामां आवे . वधु विगत सारु ७० पानानुं मोठं सूचीपत्र अर्धा थानानी टीकीट बीमी मंगावq.
एटल्लु तो निर्विवाद बे के, जनां प्रज्ञानरूपी पमळ खुल्लां थवानां होय, देशनो कोमनो अने खपरनो उदय ए जेनो उद्देश होय, तुंची स्थितिए चमी काश्पण कीर्तिनां कामो करवानुं जेना नशीवमां होय, संतानोने देशना वीरो बनाववाने जेनुं निशान होय अने जेवटे या असार संसारने गेमी मुक्ति मेळवी जीवन साफल्य करनार होय तेनेज उ
ली. बालाना बगनलाल शाह. ठे. कीकाभटनी पोळ, मु. धमदावाद.
पनाववाने जेनुं निशाना
तम पुस्तको वांचवानमा मुक्ति मेळवी

Page Navigation
1 ... 363 364 365 366 367 368 369