Book Title: Chattrish Bol Sangraha
Author(s): Agarchand Bherudan Sethia
Publisher: Agarchand Bherudan Sethia
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याचारांगसूत्र. (श्रावृत्ति बीजी.) अमृतना मुस्वाद माटे खात्री आपवानी जरुर नयी. वीरपरमात्माना जीवनचरित्र अने अणगार महास्माओना आचार विचारयी वाकेफ थइ संसारमा श्रावक तरीकेतुं शुद्ध वर्तन राखवा आ पवित्र पुस्तक दरेक | जैने बाच, जोइए आजकाल शास्त्रार्थना जे झगडा थाय छे ते आवा पुस्तकना वाचनयी आपोआप, बंध यइजशे. सर्व देशना लोको लाभ लइ शके माटे द्वीतियारति मोटा नागरी वाळबोध पाइपयी सहेलं भाषान्तर अने | मुल पाटसहित मोठा खर्च प्रसिद्ध करेल छे. मुल्य रुपिया चार पोष्टेज खर्च वी. पी. साये पांच आना.
श्री संघपट्टक. संघे शी रीते वर्तवू जोइए ते संबंधी नियमोना फरमाननो सर्वोत्तम ग्रंथ. ___ आ ग्रंथ अद्भुत काव्योमा रचायेल छे अने ते नवांगी वृत्ति करनार श्री अभयदेवसरिना शिष्य श्री || जिनवल्लमसूरिए न्यायशेलीयी भरपुर घणीज उपयोगी अने विस्तारवाळी मोटी.टोका रची छे, आ ग्रंथ मोटा जैनी टाइपोथी लगभग पानां (७००) नो तैयार छे ने तेने पाका पुंठाथी बंधाएल छे आ ग्रंथनी फक्त योडीज नकलो शीलीक छे. आ ग्रंथनी रु.३-८-० छे. जोइए तेमणे ताकीदथी मंगावर्व पाछळयी पस्तावो यचे. टपाल खर्च वी. पी. साये आट आना.

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