Book Title: Chattrish Bol Sangraha
Author(s): Agarchand Bherudan Sethia
Publisher: Agarchand Bherudan Sethia

View full book text
Previous | Next

Page 344
________________ *********************63««»»»€ सजा कम म नहि बे २५, गुरु सूत्र पाठ कहता हुवे तिवारे जरी सप्नामें - कहे श्म नहि इम बे तो २६, गुरु कथा कदेता हुवे चेलो खुशी न हुवे तो 29, गुरु कथा देतां परखदामें जेद या तो २०, गुरु कथा कहता हुवे शिष्य कढ़े याहारकी वेला थवे वखाण बता दो क्युं नदी श्म कहे तो श‍, गुरु कथा कही वाही कथा वाय १ करे बीतरेसुं कहेतो तो ३०, गुरुके व्यासपणसुं टंचा सण बेठे तो ३१, गुरुके बरोबर व्यासण करे तो ३२, गुरुके खासणकुं पग लगावे संघठ करें विना खमाया जाय तो ३३. ३३ अल्पबहुत्व ३३. १ सबसुं थोमा चोथी नारकीना निकल्या सिद्ध भगवंत होय २, तीजी नारकीना निकल्या सिद्ध संख्यातगुणा ३, बीजी नारकीना निकल्या सिद्ध संख्यातगुणा ४, वनस्पतिना निकल्या संख्यातगुणा ५, पृथ्विकायना निकल्या संख्यातगुणा ६, छापकायना निकल्या संख्यातगुणा 9, ध्रुवणपति देवतारी देविरा निकल्या संख्यात गुणा छ, भुवनपति देवताना निकल्या संख्यात गुणा ए, वाणव्यंतर देवतारी देवीरा निकव्या संख्यात गुणा १०, वाणव्यंतर देवतारा निकल्या सं

Loading...

Page Navigation
1 ... 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369