Book Title: Chattrish Bol Sangraha
Author(s): Agarchand Bherudan Sethia
Publisher: Agarchand Bherudan Sethia

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Page 343
________________ ॥अथ तेतीस बोल लिख्यते॥ PRum३३ गुरुकी थासातना तेतीस. तीन चालणेकी गुरुके आगे चाले १, गुरुके बरोबर चाखे २, पाने थमतो चाले ३, श्म तिन श्रासातना खमे रहणेकी ६, म तिन बेसणकी। ए, दिशा गए गुरसुं पहला हाथ धोये १०, गुरुके पहली रियावही पमिकमे तो ११, गुरु प्रश्न करता होय विचमें बोले तो १२, गुरुके पास सुता होय गुरु बोलावे | जागना न बोले तो १३, थाहार पाणी व्यायकर गुरु थकी पहली गेटा जतिकुं देखावे तो १५, गुरु पहली गेटा जति कने बालोवे तो १५, गुरु पहली गेटा यः || तिकुंथामंत्रे तो १६, गुरुकी थाग्याविना गेटा यति तथा अनेरा साधुकुं थाहार | पाणी देवे तो १७, गुरु शिष्य थाहार पाणी करता होय सरस २ गुरुकुं देवे तो १०, ||* गुरु बुलावे बोले नही तो १ए, गुरु बुलावे पासण बेग जवाब देवे तो २०, गुरु || बुलावे तो कहे तुं क्या कहैतो २१, गुरुने तुंकारा देवे तो १, गुरुने तो तुं श्रवचन बोलावे तो २३, गुरुने उत्तर पमुत्तर देवे तो श्व, गुरु थर्थ करता होवे तिवारे जरी

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