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कल्याण होवे किणनी परे श्रेणिक राजानी परे ३, मन वचन कायानो जागे सुन्न ||४|| प्रवरतावे तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी परे गजमुखमालनी परे ४, उत्ती || सकती दमा करे तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी परे परदेशी राजानी परे ५॥ पांच महावत निरमला पाले तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी परे गौतमस्वामीनी परे ६, कायरपणो गेमे सुरपणो यादरे तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी परे सेलक मुनीराजनी परे , पांच इंखीने वस करे तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी परे हरिकसी मुनिराजनी परे , माया कपटाई गमे तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी परे मल्लीनाथजीना गए मित्रनी परे ए, खरे धर्मनी धास्ता राखे तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी परे वर्ण नामे नटनी परे १०. चरचा|| वारता करीने सरदहणा सुरू करे तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी परे केसी गोतमस्वामीनी परे ११, सुखी देखीने करुणा करे तो जीवरो परम कल्याण होवे | किनी परे मेघरथ राजा मेघ कुमाररे पारखे हाथीरे जवनी परे १२, खरे वचनरी थासता राखे तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी परे थाणंदजी कामदेवनी परे||