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म पेटमें कोई न कोई रोग चला रहें होताही रहें किस कर्मसें उत्तर वचा खुचा खापाके असारनिसार नोजन साधूको देखें तो, २२ प्रम बालविधवा किस कर्मसें हो. य उत्तर अपने पतिका अपमान करके परपतिके साथ रमें तथा कुशीलनी होयकें सती कहावें तो, २३ प्रम वैश्या किस कर्मसे होय उत्तर उत्तम कुलकी वहु बेटी विधवा हुए पीछे बुखकी लाजसें कोश्यार्त्तव्यतो न करने पावें परंतु सत्संगके श्र-| नावसें नोगोगी वांग रखें तो, २४ जो जो स्त्री व्याहे सो मरें जिम पुरुषकी स्त्रीन||* जीवे किस कर्मसें होय उत्तर साधु कहाके स्त्री सेवें तथा त्यागो हुश् वस्तुको फिर अहे तथा खेतमें चरती हुश् गोको त्रासे, २५ प्रण नपुंसक किस कर्मसें उत्तर अति कूट महा बलकपट करें तो, २६ प्रम नर्कगतिमें जाय किस कर्मसें होय उत्तर सात ||* कुव्यसन सेवें तो, २७ प्रम धनाढ्य किस कर्मसे होय उत्तर सुपात्रको दान देकें श्रानंद पावें तो, २० प्रम मनोवांबित नोग मिलें किस कर्मसें होय उत्तर परोपकार करें तथा वमीकी टहल करें तो, श्यं प्रम रूपवान किस कर्मसे होय उत्तर तपस्या करें तो, ३० प्रम स्वर्गमें जाय किस कर्मसें होय उत्तर क्षमा दया तप संयम करें तो.
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