Book Title: Chattrish Bol Sangraha
Author(s): Agarchand Bherudan Sethia
Publisher: Agarchand Bherudan Sethia

View full book text
Previous | Next

Page 332
________________ धूजतो करें ६, संसेसहित करें ७, मनमांही रीस करें U, वनयहीण करें ए, वेगारीरी परे करें १०, दश वचनके. कुमा वचन बोलें ११, आणविमास्यो बोलें १२, रागां करी गीत गावें १३, घणो बोलें १४, कलह करें १५, विकथा करें १६, हांसी करें १७, उतावलो जतावलो नणे १०, अयुक्ति भाषा बोलें १ए, श्रवृतिने श्रावो पधोंरो कहें ३०, बार कायाके. पालाही वाली बेठे २१, अथिरासण बेठे १५, विषयसहित दृष्टि जोवें २३, सावज कार्य करें २४, घरखें काम करें २५ उठगणो लेश बेठे २६ शरीर संकोचीने बे २७, विना कारण अंग लपांग मोमें २०, करमका मोमें श्ए, शरीरनो मेल जतारे ३०, विन पूंज्या खाज खुणे ३१, गंध लेवें ३२. ३२ पुरुषके बत्तीस गुण. सीलवंत १, कुलवंत २, सतवंत ३, विद्यावंत ४, अल्पथाहारी ५, जंचा चित्त ६, तेजवंत , प्रमोदसहित ७, वचन अचल ए, दयावंत १०, नरम प्रणाम ११, धर्मनीत ११, उत्तम १३, ज्ञानवंत १४, लज्यावंत १५, गुणगंजीर १६, सूरमा १७, ावंत १०, चतुर १ए, दानमें चित्त नदार २०, जोगध्यानी २१, नाग्यवंत १२, सुजाण ३, परऊपगारी २४, देवपूजा २५, मातापिताकी सेवा २६, गु

Loading...

Page Navigation
1 ... 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369