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१३, श्रदत्तादान त्यांगे तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी परे अमरजीरा सातसे सिष्यनी परे १४, शुरू मन सील पाले तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी। परे सुदरसण शेग्नी परे १५, ममता गमीने समता श्रादरे तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी परे कपील ब्राह्मण कपिल केवलीनी परे १६, सुपात्रने दान देवे तो जीबरो परम कल्याण होवे किणनी परे रेवतीजी गाथापतणीनी परे १७, चलीये चीतने थिर करावे तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी परे राजिमतीनी परे १० नस्कृष्टो तप करे तो जीवरो परमकल्याणीक हुवे घनाजी अणुगारको परे. १ए उत्कृष्टी वैयावच करे तो जीवरो परमकल्याणीक हुवे कीणनी परे पंथकजीनीपरे. २० अंतनावना नावे तो जीवरो परमकल्याणीक हुवे कीपनी परे नर्तमहाराजानी परे. २१ चली चीत्तने थीर करे तो जीवरो पररमकल्याणीक हुवे रेहनमीजीनी परे. १२, उत्कृष्ट दमा करे तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी परे घरजनमालीनी परे २३, जिन धर्मरी बासता राखे तो जीवरो परम कल्याण होवे किणनी परे घरपीकजीनी परे २४, चार तीर्थने साता जपजावे तो जीवरो परम कल्याण होवे कि