________________
*93% •98493« *C9K« €€93%
प्रमका जाण 9, घणा शास्त्र सुण्या तिपके रहस्य जाणें प, धर्मके कार्य घ्यालस्य न करें, धर्म सुतां निषां न करें १०, बुद्धिवंत होय ११, दाताररूप गुण होय १२, जिसके पास धर्म पे उसका पिबामी गुण वर्णवें १३, कोश्नी निंदा न करें किसी के साथ वादविवाद न करें १४. 把
१४ छाथ चवदह नियम दिन प्रति प्रमाण श्रावक करें सो विचार लिखतें है. गाथा-सचित्त १ व २ विगई ३, वादि ४ तंबोल ५ व ६ कुसुमेसु 9 | वाढूण ८ सय [ विलेवण १०, बज १९ दिशि १२ न्हाण १३ मत्तेसु १४ ॥ १ ॥ अर्थ - श्रावक नि प्रतिनियम संजाले दिनमें जो चीज छापणे अंग खाते लगे उसका प्रमाण इस तरेसें करें. मट्टी सर्व जाती पाणी सर्व जाती जल व्यभि वायु वनस्पतिका बेदन ने दन तरकारी फल परवल नीमी तोरी केला मतीरा ककमी खरबुज निंबु यांब नारंगी जामू इत्यादिक जो चाहीयें सो रखें बाकीका त्याग करें १, दूसरा सव्य प्रमाण तां धातु बस्तुकी शली तेसे पणी अंगुली विगर जो चीज मुमें मालणेमें यावें सो सब अव्यकी गिणती में याता है नामांतर - स्वादांतर स्वरूपांतर परिणामां
*€€***£OK+XO***********6*3*+X3X