Book Title: Bhaktamara Mahamandal Pooja
Author(s): Somsen Acharya, Mohanlal Shastri
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad

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Page 20
________________ श्रीमन्महामुनि-सोमसेनप्रणीता श्री भक्तामर-महाकाव्य-मण्डल पूजा ओ जय जय जय । नमोऽस्तु नमोऽस्तु नमोऽस्तु । प्रार्या-व णमो अरिहताएं, णमो सिद्धाणं, णमो आइरियाएं । गमो उवज्झाया, मो लोए सव्वसाहूणं ।। प्रों ही अनादिमूलमन्त्रेभ्यो नमः (पुष्पाञ्जलि क्षिपेत् } चत्तारि मंगलं !) अरिहंता मंगनं । २) सिद्धा मंगलं ( ३ ) साहू मगलं (४) केवलिपमा सो धम्मो मंगलं । घसारि सोमुरुमा (१) अरिहंता लागुत्तमा (२) सिद्धा लोगुममा (३) साह लोगुसमा (४) कलिपातो धम्मो लोगुसमो। चत्सारि सरग पध्वजामि ( १ ) मरिहते मरणं पवजामि ( २ ) सिद्धे सरणं पवजामि (३) साहू सरण पबज्जामि ( ४ ) केवलिपण्णत धम्म सरलं पबम्जामि । ___ों नमो हते स्वाहा ( पुष्पाञ्जनि क्षिपेत । नोट-इत्यादि नित्यपूजा' नामक पुस्तक में प्रकाशित 'अपवित्र: पवित्रो वा' से लेकर सिद्धपूजा पर्यन्त नित्यपूजा करने के पश्चात् यह 'श्रीभक्तामर महाकाब्य मण्डल पूजा' प्रारम्भ करमा बाहिये । । २५ )

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