Book Title: Bhaktamara Mahamandal Pooja
Author(s): Somsen Acharya, Mohanlal Shastri
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
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श्री भक्तामर महामण्डल पूजा
की प्राप्ति होती है। १४ दिन तक लाल माला से १००० जाप करना चाहिए । दशांग धूप खेना चाहिये । एक बार भोजन करना चाहिए ।
१६-हरी माला से प्रतिदिन १००० ऋद्धि मंत्र का जाप ९ दिन सक करे, कुन्दरू की धूप खेवे । यन्त्र पास में रखने से तथा मंत्र का १०८ वार जाप करने से राजदरबार में प्रतिपक्षी की हार होती है। शत्रु का भय नहीं रहता।
१५-सफेद माला से प्रतिदिन १००० ऋद्धि मंत्र का जाप ७ दिन तक करे, चन्दन को धूप खेवे । यंत्र पास रखने से तथा शुद्ध अछूता जल २१ वार मंत्र कर पिलाने से पेट की असाध्य पीडा, वायुशूल, वायुगोला प्रादि मिट जाते हैं।
१८. लाल माला द्वारा प्रतिदिन ऋद्धि मंत्र का १००० जाप ७ दिन तक करना चाहिये, दशांग धूप खेनी चाहिये, एक वार भोजन करना चाहिये । यंत्र को पास में रखने से तया १०८ बार जाप करने से पात्रु की सेना का स्तम्भन होता है ।
१६-यन्त्र अपने पास रखने से तथा ऋद्धि मंत्र का १०८ बार जाप करने से अपने ऊपर दूसरे के द्वारा प्रयोग किया गया मंत्र प्रयोग, जादू, मूठ, टोटका आदि का प्रभाव नहीं होने पाता, न उच्चाटन का भय रहता है।
२० यन्त्र को अपने पास रखने से तथा मन्त्र को १०८ वार जपने से सन्तान प्राप्त होती है, लक्ष्मी का लाभ होता है, सौभाग्य बढ़ता है, विजय मिलती है. बुद्धि बढ़ती है।
२१-यन्त्र अपने पास रखने से तथा प्रतिदिन १०८ धार ऋद्धि मन्त्र ४१ दिन तक जपने से सब अपने अधीन हो जाते हैं।