Book Title: Aptavani 01
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Mahavideh Foundation

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Page 11
________________ orm I94& भूलें १३ अनुक्रमणिका पेज नं । कुदरती तंत्र संचालन भौतिक विज्ञान? ४८ धर्म का स्वरूप भौतिक डेवलपमेन्ट-आध्यात्मिक संसार सर्जन डेवलपमेन्ट? संसार एक पहेली प्राकृतिक साहजिकता 'व्यवस्थित' शक्ति ! साधक दशा भगवान का एड्रेस पुण्य और पाप भगवान ऊपरी और मोक्ष ! संकल्प-विकल्प रिलेटिव धर्म : रियल धर्म सर्जन-विसर्जन क्रमिक मोक्षमार्ग : अक्रम मोक्षमार्ग!१० पुरुष और प्रकृति कॉमनसेन्स त्रिगुणात्मक प्रकृति सांसारिक संबंध ! आत्मा, सगुण-निर्गुण सुख और दुःख ! प्राकृत पूजा-पुरुष पूजा प्रारब्ध-पुरुषार्थ का विरोधाभासी प्रकृति धर्म- पुरुष धर्म अवलंबन प्राकृत बगीचा अविरोधाभासी अवलंबन वैराग्य के प्रकार आत्मा-अनात्मा आत्मा का उपयोग दिव्यचक्षु से मोक्ष ! मनुष्यपन का डेवलपमेन्ट ! पुनर्जन्म माया और मुक्ति ! मन-वचन-काया, इफेक्टिव सुख के प्रकार! आधि - व्याधि - उपाधि मल-विक्षेप-अज्ञानः राग-द्वेष-अज्ञान संसार और ब्रह्म ! वाणी का विज्ञान मन-वचन-काया का भूतावेश मौन-परमार्थ मौन आगम-निगम अंत:करण पूरण-गलन मन कैसा है? विचार क्या है? सांसारिक विघ्न निवारक 'त्रिमंत्र' कार्य प्रेरणा मन से है चिंता और अहंकार ज्ञाता-ज्ञेय का संबंध प्राप्त को भोगो मन पर सवार हो जाइए ध्यान और अपध्यान लक्ष्मीजी कहाँ बसती हैं? गतिफल-ध्यान और हेतु से मन का संकोच-विकास बुद्धि के उपयोग की मर्यादा मन के वक्र परिणाम अविरोध वाणी प्रमाण | मन का स्वभाव ज्ञानी और धर्म का स्वरूप मन की गाँठे कैसे पिघलें? निर्दोष दृष्टि मन फिज़िकल है कैफ और मोक्ष मन के प्रकार मन-वचन-काया की बला | मन-आत्मा का ज्ञेय-ज्ञाता संबंध मोक्ष ही उपादेय है ४४ | बुद्धिप्रकाश- ज्ञानप्रकाश संसार महापोल बुद्धि के प्रकार मनुष्यों को निराश्रितता ४७ | बुद्धि का आशय गणपति : बुद्धि के अधिष्ठाता देव ९३ | हिताहित का भान बुद्धिजन्य अनुभव और ज्ञानजन्य अनुभव९४ लाइफ एडजस्टमेन्ट्स मतभेद क्यों? टकराव चोखा व्यापार करें १०० इकॉनोमी लक्ष्मीजी की कमी क्यों है? १०१ | विषय बुद्धिक्रिया और ज्ञानक्रिया १०२ | प्रेम और आसक्ति बुद्धिभेद वहाँ मतभेद १०४ | नैचुरल लॉ - भुगते उसीकी भूल १८२ अवधान की शक्ति १०६ निजदोष दर्शन अंत:करण का तीसरा अंग : चित्त १०७ ज्ञानी ही शुद्ध आत्मा दे सकते हैं ११० आड़ापन-स्वच्छंदता चित्त प्रसन्नता १११ शंका अहंकार ११३ मताग्रह त्याग किस का करना है दृष्टिराग भुगतनेवाला कौन है ? ११५ बैरभाव अहंकार का रस खींच लो ११६ संसार-सागर के स्पंदन हँसते मुख जहर पीए ११८ क्लेश अदीठ तप क्या है? १२० वास्तव में सुख-दुःख क्या है? मान-अपमान का खाता १२१ | दोष दृष्टि अहंकार का जहर १२२ | स्मृति अहंकार का समाधान १२४ असुविधा में सुविधा अटकाव और सेन्सिटिवनेस १२५ | चार्ज और डिस्चार्ज अंत:करण का संचालन मोह का स्वरूप ऐच्छिक और अनिवार्य १२९ माया जगत् का अधिष्ठान | क्रोध निश्चेतन चेतन | लोभ मनुष्य देह मोक्ष का अधिकारी १४० कपट इच्छा १४१ | क्रोध-मान-माया-लोभ की खुराक २३० भाव अर्थात् क्या?(भाव क्या है?)१४४ | होम डिपार्टमेन्ट फ़ॉरेन डिपार्टमेन्ट २३२ सज्जनता-दुजनता १४५ | संयोग देह के तीन प्रकार १४७ | प्राकृत संयोग देहाध्यास कब टूटे? १५० | योग-एकाग्रता देह की तीन अवस्थाएँ १५१ | निर्विकल्प समाधि मनुष्य देह का प्रयोजन १५५ ध्याता-ध्येय-ध्यान आचार, विचार और उच्चार १५५ | गुरु किल्ली उद्वेग १५७ | अक्रम ज्ञान - क्रमिक ज्ञान निद्रा १६० | चौरासी लाख योनि-चार गति की स्वप्न १६१ | भटकन क्यों? भय १६५ | प्रज्ञा २० १२६ १३७

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