Book Title: Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 16
________________ अनुयोगचन्द्रिका टीका सूत्र १७६ सलक्षणहास्यरसंनिरूपणम् ६ सादीनि लिङ्गानि-चिह्नानि वा यस्य स तथाभूतो हास्यो रसो भवति । उदाहर• णमाह-हास्यो रसो यथा-प्रसुप्तमपीमण्डितपतिबुद्धम्-पूर्व प्रमुप्तः पश्चाद् मषीमण्डितः कज्जलालङ्कृतस्ततः प्रतिबुद्धस्तं तथाभूतं देवरं प्रलोकमाना-पश्यन्ती स्तन. कम्पनप्रणतमध्या-स्तनयोः भरेण अतिशयेन कम्पनेन प्रणतम् अवनतं मध्यंमध्यशरीरं यस्याः सा तथा-स्तनयोरतिकम्पनेनावनतमध्यभागा श्यामा युवती स्त्री ही-'ही' इति शब्दोच्चारणपूर्वकं यथा हसति तथा पश्य। रात्रौ पल्या सहकशय्यायां प्रसुप्तस्तन्मषीमण्डितमुखः प्रातः प्रबुद्धः । तथाविधं तं दृष्ट्वा तद्भ्रातृपत्नी सातिशयं हसति । तथा हसन्तीं तां कश्चित् कमपि दर्शयन् कथयति । यद्वा-भ्रातपत्न्येव देवरस्य मुखं कज्जलेनालङ्कृतवती । भ्रातपत्नीकृतहास्यप्रयोग. यह (हासो-रसो होइ) हास्य रस होता है अब सूत्रकार यह हास्य रस जिस प्रकार से जाना जाता है उस प्रकार को प्रकट करते हैं। (जहा) जैसे-(पासुत्तमसीमंडिअपडिबुद्धं देवरं पलोयंति, ही जह थण. भरकंपियपणमिय मज्झा हसह सामा) रात्रि में अपनी पत्नी के साथ एक शय्या में सोये हुए देवर के मुख ऊपर पत्नी के कज्जल की लगी हुई रेखा को देखकर कोई उसकी युवती भ्रातृपत्नी-भाभी कि-जिसका मध्यभाग स्तन युगल के अतिशय भारं से झुक रहो था, ही ही करके हँसी। इस गाथा का अवतरण इस प्रकार से जानना चाहिये-कोई एक व्यक्ति अपनी धर्मपत्नी के साथ एक ही शय्या पर रात्रि के समय में सो गया । स्त्री के आखों की कज्जल रेखा उसके मुखपर लग गई। प्रातः जब वह उठा-तो उसकी युवती भाभी ने उसे देखा तो, वह खूष हँसी। अथवा भ्रातृपत्नी ने ही देवर-के मुख पर काजल की रेखा लगा दीહાસ્યરસ હોય છે. હવે સૂત્રકાર આ હાસ્યરસ જે રીતે જાણવામાં આવે છે. त १५० ४२di 3 छे. (जहा) २भ-(पासुत्तमस्त्रीमंडि अपडिबुद्धदेवर पैलो... थति, ही जह थणभरकंपियपणमियमझा हसइ सामा) रात्रिमा पोतानी पत्नी. સાથે એક શય્યા પર સૂતેલા દિયરના મો પર પત્નીના કાજલની થયેલી લીટીને જોઈને તેની કઈ યુવતી બ્રાતૃપની-ભાભી-કે જેને મધ્યભાગ સ્તન યુગલના અતિશય ભારથી લડી રહ્યો હતો-હી-હી કરીને હસી આ ગાથાનું અવતરણ આ પ્રમાણે જાણવું જોઈએ કોઈ માણસ રાત્રે પોતાની ધર્મપત્ની સાથે શય્યા પર સુઈ ગયો પત્નીના આંખના કાજળની રેખા તેના મોં પર થઈ ગઈ સવારે જ્યારે તે જાગે ત્યારે તેની યુવતી ભાભી તેને જોઈને ખૂબ હસવા લાગી અથવા ભાભીએ જ દિયરના અજાણતા કાજળની રેખ

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