Book Title: Anusandhan 2003 06 SrNo 24
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 15
________________ अनुसंधान-२४ माळखाने आदर्श बनावीने पोतानी रासरचना करी होवी जोईए. विजयवल्ली रासमां जे समग्र वृत्तान्त साव संक्षेपमां, जे क्रमे वर्णवेल छे, ते ज लगभग क्रमे ते बधो वृत्तान्त पूरा विस्तारथी ऋषभदासे वर्णव्यो छे. विजयवल्ली रासनी प्रति १२ पानांनी छे. तेमां पत्र त्रीजुं नथी. पत्र रमां बीजी ढालनी ७मी कडी अधूरी छे, अने पत्र ४ मां १४मी कडी जोवा मळे छे. एम लागे छे के पत्र २ मांनी ढाल ते बीजी ढाल न होतां प्रथम ढालनो ज बीजो विभाग हशे, अने ते पूर्ण थया बाद ढाल २ना दूहा तथा १४ कडीओ ते पत्रमा समाविष्ट हशे. ३जा पत्रनी त्रुटिने कारणे वर्णनमां मोटो गाळो पडी जाय छे. हीरजी पोताना मातापिताने दीक्षा माटे सम्मत करवानो यत्न करे छे ते वातथी तूटतुं वर्णन, मातापिता, मृत्यु, पाटण-गमन, बेननी सम्मतिपूर्वक दीक्षाग्रहण, ज्ञानार्जन, पदप्राप्ति, गुरुवियोग- आ तमाम प्रसंगोविहोणुं थतुं थतुं, पत्र ४मां अकबरना आमंत्रणना अनुसन्धाने विहार करी अमदावाद आव्याना वर्णनथी पार्छ संधायुं छे. __ प्रथम रणसिंह द्वारा थयेल ओशवाल-वंशनी स्थापनानी वात आलेखीने कवि हीरगुरुनी ४२ पेढीनां नामो वर्णवे छे. 'हीररास' मां पण ११मी ढालमां आ ४२ पेढीनुं नाम-वर्णन छे. त्यां ४२ मां एक नाम ओछु होवानु अथवा जडतुं न होवा- तेना संपादकश्रीने जणायुं छे. अहीं प्रथम ढालनी नवमी कडीमां 'धाम ए गुण केरु गुणराज सोए' - ए पंक्तिमा आवतुं 'गुणराज' नाम, ते खूटतुं नाम होवानो संभव छे.. घणी ढालोमां एक ढाले बे गीत जोवा मळे छे, ते आ रासनी विशेषता छे. ते अनुसार पहेली ढालना बीजा गीतमां हीरजीनो तेना मातिपिता साथेनो मीठो संवाद वर्णवातो देखाय छे. ते पछी तो गच्छपतिना रूपमा हीरगुरु देखा दे छे, अने दिल्ली भणी विहरतां अगाऊ 'विजयसेन' शिष्यने आचार्यपद अर्पवापूर्वक गच्छनी धुरा सोंपीने तेमनी विदाय ले छे, अने तेओ रडती आंखे विदाय आपे छे, तेनुं ट्रंकुं बयान थयुं छे. ___ढाल ३ना. द्वितीय भागमां गुरु आगरा पहोंचे छे त्यारे अकबरे तेना पुत्र द्वारा तेमनुं सामैयुं कराव्यानुं वर्णन छे. तो चोथी ढालमां, दूहा-विभागमां जैनेतर वादीओ साथे वाद करवाना आवतां ते करीने ते वादीओने हीर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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