Book Title: Anusandhan 2003 06 SrNo 24
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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अनुसंधान-२४
मूंग कांगडू कणमाहि जेहवउ । पाणी अगनि न छीपइ अंस । जल केलव्या न थाइ तंदुल । बग सीखव्यउ न होवइ हंस ।६। तिम गुरु. । मृगमद अगर कपुरइं वास्यु लसण न पांमइ रूडउ ग(गं)ध । सूरि जस सिहर दीवा योतिइ । किमही नवि देखइ जाचंध ७। तिम गुरु. । ऊग्यु चंद चोरनंइ गमइ । मेहिई जवासउ सूकी जाइ । खीर खंड घृत मीठउं भोजन । पेटि कूतिरा नइ न संमाइ ।८। तिम गुरु. । मीठी द्राख न वायस चाखइ । श्वांनन पूंछडी समी न थाइ । आंबानूं वन करहउ न चरइ । अन्याइनइं न गमइ न्याय ।९। तिम गुरु व. । खाइ नर सनेपातियउ साकरा । पापीनइ धरमी न सुहाइ । रुचइ नही पापउ मधुकरनई घुण नितु सुकउ लाकड खाइ ।१०।तिम गुरु. । गाम समीपि नदी सूंकी निइ रासभ राखइ घरडसू अंग कुलवंती कामनी तजीनई नीच करइ पर रमणी संग ।११।तिम गुरु व. ।
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