________________ अनुरोध सद्गत हरिवल्लभ भायाणीनी खेवना के प्राकृत अने जैन साहित्य परत्वे जैनो द्वारा कांईक थर्बु घटे, तेनी कार्यपरिणति अनुसंधान' सामयिक रूपे थई. परमकृपालु श्रीपरमात्मानी कृपाथी आ तेनो 24 मो अंक आप सर्वना हाथमा छे. हवे पछीनो अंक २५मो अंक हy. २५मा अंकने विशेषे समृद्ध बनाववानी इच्छा छे. ते माटे आप सहु उत्तम संशोधनात्मक लेख, कृतिसंपादन इत्यादि वेलासर अवश्य मोकलो तेवो हार्दिक अनुरोध छे. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org