Book Title: Anekant 1969 Book 22 Ank 01 to 06
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

View full book text
Previous | Next

Page 227
________________ २१०, वर्ष २२ कि० ५ अनेकान्त रत्नकरण्ड के कर्तृत्व विषय में मेरा विचार और निर्णय- श्वेतांबर न्याय साहित्यपर एक दृष्टि-पं. रतनलाल ३३१७७ ' 'जुगलकिशोर मुख्तार ६।५, ६।५६. ६।१००, ६।१२७ श्री प्रकलंक और विद्यानन्द की राजवातिकादि कृतियों रत्नकरण्ड के टीकाकार प्रभाचंद का समय पर पं. सुखलालजी के गोषणापूर्ण विचार-संपादक न्या. पं. दरबारीलाल जैन ८४६६ ५२७५ रत्नकर श्रा. और भाप्त मीमांसाका कर्तृत्व-प्रो. हीरालाल श्रवण बेल्गोल और इन्दौर के हस्तलिखित ग्रन्थों की सूचीजैन ७.५२, ७६२ संपादक श२६६ रत्नाकरवर्णी और उनका रत्नकराधीश्वर शतक- श्रावक प्रजप्ति का रचयिता कौन ?-श्री बालचन्द सि. पं. के. भुजबली शास्त्री १२५१ शास्त्री १८११० रद्दी में प्राप्त हस्तलिखित जैन अर्जन प्रथ-सम्पादक श्री ग्रगानन्द नाहटा के लेख पर नोट८४४६ पं. परमानन्द शास्त्री १०.३५१ राजस्थान के जैन साहित्य भंडारों से उपलब्ध महत्वपूर्ण श्री अमरनन्दमरि कृत एक अपर्व ग्रंथसाहित्य-कस्तूरचंद एम. ए. १३१४६ डा. ए. एन. उपाध्ये २० टाइटल २ राजस्थान के जैन शास्त्र भण्डारों से हिन्दी के नये साहित्य । की खोज- कस्तूरचंद काशलीवाल एम. ए. श्री कुन्दकन्द और यतिवृषभ में पूर्ववर्ती कौन सपादक २०१३ १४।२८६, १५३३३ श्री कन्दकन्द और समन्तभद्र का पूर्ववर्ती तुलनात्मक राजस्थानी जैन वेलि साहित्य : एक परिचयप्रो. नरेन्द्र भानावत एम. ए. १५।१८६ अध्ययन-बाल ब्र० विद्युल्लता बी. ए. १३।१६१ श्रीचन्द और प्रभाचन्द-पं. नाथराम प्रेमी ४१८२ राजस्थानी भाषा का प्रध्यात्म-गीत श्रीचन्द नाम के तीन विद्वान-परमानन्द शास्त्री ७१०३ . १७४१४६ राजमाता विजया का वैराग्य-सुमेरचन्द्र दिवाकर शास्त्री श्री चारुकीति भट्टा. भडार-मूडबिद्री के कुछ हस्तलिखित १४।१६३ ___ ग्रन्थो की सूची-सपादक ५२०६ रामचरित्र का तुलनात्मक अध्ययन-मुनि श्री विद्यानद जी श्री छोटेलाल जैन अभिनन्दन ग्रन्थ-कस्तूरचन्द कासलीवाल १६।३१५ १८।३७, १८७८ रुपक काव्य परम्परा-परमानद शास्त्री १४।२५६ श्री जिज्ञासा पर मेरा विचार-क्ष, सिद्धसागर १२ ___टाइटिल ३ लोक विभाग का रचना स्थान-बा. कामता प्रसाद श२२१ श्री धवल का रचनाकाल-श्री प्रफूल्लकुमार मोदी ८।३७ श्री धवला का समय-बा. ज्योतिप्रासाद ७२०७ शब्द-साम्य और उक्ति-साम्य-मुनि श्री नगराज १७.१०० श्रीधर या बिबुध श्रीधर नाम के विद्वानशब्द चिन्तन, : शोध दिशाएँ-मुनि श्री नथमल १८८ प. परमानन्द जैन शास्त्री ८।४६२ शासन चतुस्त्रि शिका (मुनि मदन कीर्ति कृत) श्रीपालचरित्र साहित्य-अगरचन्द नाहटा २६१५५ ___पं. दरबारीलाल कोठिया ६।४१० श्रीपालचरित्र साहित्य के संबंध में शेष ज्ञातव्यशान्तिनाथ फागु कुन्दनलाल जैन एम. ए. १६।२८२ आगरचन्द नाहटा ३।४२७ शान्ति जिन-स्तवन (मुनि पद्मनन्दी)-संपादक १०।२४७ श्री पार्श्वनाथ स्तुति मौर महर्षि स्तुति-संपादक ११२२२७ शंभू : स्तोत्र मुनिरत्नकीति-सम्पादक १०॥३११ श्री पार्श्वनाथास्टक (राजसेन)-संपादक १०२ . शिवभूति शिवार्य और शिवकुमार-परमानन्द शा. ७.१७ श्री पूज्यपाद स्वामी और उनकी रचनाएँ-२।३६६ वितबिर कर्म साहित्य और दिगम्बर पंचसंग्रह श्री वर्धमान स्तवन स्तोत्र प्रज्ञात कर्तृक ११३७५ परमानन्द शा. ३।३७८ श्री वीर स्तवन (भमरकीति)-संपादक १०१

Loading...

Page Navigation
1 ... 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334