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२३६, वर्ष २२ कि०५
अनेकान्त
वीर सेवामंदिर ट्रस्ट की दो मीटिंग-१३।२५४ वीर सेवामंदिर में कानजी स्वामी-१४॥किरण : शाह हीरानन्द तीर्थ यात्रा विवरण और सम्मेदशिखर चैत्यटाइटिल पेज २
परिपाटी-श्री अगरचन्द ना. १४१३०० वीरसेवामन्दिर में वीरशासन जयन्ती का उत्सव- शान्ति की खोज-प्रो. महेन्द्र कुमार न्यायाचार्य १४।२६८ दरबारीलाल कोठिया ७२२३ ।
शिक्षा का उद्देश्य- प्राचार्य तुलसी १६३०७ वीरसेवामन्दिर में वीरशासनजयन्ती का उत्सव- शिक्षा का महत्व-पं. परमानन्द शास्त्री २।३४० पं. दरबारीलाल जैन कोठिया ८।४२८
शिक्षित महिलामो का अपव्यय-ललिता कुमारी ३६८५ वीरसेवामन्दिर की सहायता (अधिष्ठाता)
शिमला का पयूषण पर्व-प. दरबारीलाल कोठिया ६।३२४ व० ४ कि० ६ कि. ६ व. ४ कि. १२ ब. २
शिरपुर जनमन्दिर दिगम्बरजैनियों का ही है-२०१२२७
शुभ सन्देश-प. मदन मोहन मालवीय ११४२ वीरसेवामन्दिर उसका काम और भविष्य-बा माईदयाल
शुभ सन्देश-महात्मा भगवानदीन ११२५ २१५८७
शंतान को गुफा में साधु-अनु० डा. भैयालाल जैन वीरसेवामन्दिर के प्रति मेरी श्रद्धांजलि-अजित प्रसाद
४११७८ जैन एडवोकेट २१५६०
शौच धर्म (प्रवचन)- श्री गणेशप्रसाद जी वर्णी १००८३ वीरसेवामन्दिर के विशेष सहायक-जुगलकिशार
श्रद्धाजली-पं. प्रभुदयाल प्रेमी ६।१६० वर्ष ४, पृ. ५०६ वीरसेवामन्दिर ग्रंथमाला को सहायता-अधिष्ठाता
श्रद्धाजलि बा. माईदयाल जैन बी. ए. ६।२०० कि. १ टा. ३
श्रमण का उत्तर लेख न छापना-१२।३२८ वीरसेवामन्दिर में वीरशासनजयन्ती-प. दरबारीलाल
श्री दादीजी का वियोग-जुगलकिशोर मुख्तार ७१०१ ___ कोठिया ५२६६
श्री धवल ग्रन्थराजो के दर्शनो का अपूर्व प्रायोजनवीरसेवामन्दिर मे वीरशासनजयन्ती उत्सव
परमानन्द जैन १३॥१३५ पं. परमानन्द जैन शास्त्री ४१३६१
श्री नेमिनाथाष्टक स्तोत्र-१३१४१ वीरसेवामन्दिर दिल्ली की पैसाफण्ड गोलक
श्री पं. मुख्तार ला. से नम्र निवेदन-श्री हीराचन्द बोहरा जुगलकिशोर मुख्तार १४११७७
बी. ए. १३३१४३ वीरसेवामदिर मे श्री जुगलकिशोर मु. सा. के निधन
श्री बाहुबली जैन पूजा का अभिनन्दन-१२ टा० पेज ३ पर शोक सभा-२११२८०
श्री महावीरजी मे वीरशासनजयन्ती-राजकृष्ण जन वीरसेवामन्दिर विज्ञप्ति-मधिष्ठाता वीरसेवामन्दिर
१२।७४ ३७५५
श्री सम्मेद शिखर तीर्थ रक्षा-प्रेमचन्द जैन १८१४८ वीरसेवामन्दिर सोसाइटी की मीटिंग-१३।३१४ वीरसेवा संघ के वार्षिक अधिवेशन का विवरण- सच्ची भावना का फल (प्रवचन)-श्री क्षु. गणेशप्रसाद बा. भोलानाथ मुख्तार ११४०६
वर्णी १०।२५४ वीरसेवा सदेश की उपेक्षा-प्रभुदयाल जैन प्रेमी ८१६३ सत साहित्य के प्रचारार्थ सुन्दर उपहारों की योजनावैवाहिक कठिनाइयां-श्री ललिता कुमारी ४।२७३
मैनेजर वीरसेवामन्दिर १२२
सफलता की कुजी-बा. उग्रसैन जैन एम. ए. ६३५ लश्कर में मेरे पांच दिन -परमानन्द शास्त्री २२६१
सभापति का अभिभाषण-श्री राजेन्द्रकुमार ६।१९३ लाला महावीरप्रसाद जी ठेकेकार का स्वर्गवास-१४१३४२ समन्त भद्राश्रम विज्ञप्ति नं०४ वृहत् पारितोषक योजनालेखकों को माह्वान-व्यवस्थापक भनेकान्त १०६१
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