Book Title: Anekant 1969 Book 22 Ank 01 to 06
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

View full book text
Previous | Next

Page 307
________________ २६६, वर्ष २२ कि०६ अनेकान्त प्रभाचन्द्र के शिष्य धनपाल ने भी सं० १४५६ मे चन्द्र- विशति इन दोनों स्तवनों के कर्ता भी उक्त पद्मनन्दी वाडनगर में उक्त वासाधर की प्रेरणा से अपभ्रंश भाषा ही है। शेष रचनाए अन्वेषणीय है। मे 'बाहुवली चरित' की रचना की थी। पद्मनन्दि ने अनेक देशों, ग्रामों, नगरों आदि मे दूसरी कृति वर्षमान काव्य या जिन गत्रि कथा है। विहार कर जनकल्याण का कार्य किया है, लोकोपयोगी जिसके प्रथम सर्गमें ३५६ और दूसरे सग मे २०५ पद्य पाये साहित्य का निर्माण तथा उपदेशों द्वारा सन्मार्ग दिखलाया जाते हैं। जिनमें पन्तिम तीर्थंकर महावीरका चरित अकित है। इनके शिष्य-प्रशिप्यो से जैनधर्म की महती सेवा हुई किया गया है। किन्तु ग्रन्थ रचनाकाल नहो दिया, जिससे है। वर्षों तक साहित्य का निर्माण, शास्त्र भंडारों का उसका निश्चित समय बतलाना कठिन है। इस ग्रन्थ की सकलन और प्रतिष्ठादि कार्यों द्वारा जैनधर्म और जैन एक प्रति जयपुर के पार्श्वनाथ दि. जैन मन्दिर मे अव- सस्कृति के प्रचार में बल मिला है। इसी तरह के अन्य स्थित है जिसका लिपि काल सं० १५१८ है । और दूसरी अनेक सत है जिनका परिचय भी जन साधारण तक नही प्रति स० १५२२ की लिखी हुई गोपीपुरा सूरत के शास्त्र पहुंचा है। इसी दृष्टिकोण को सामने रखकर पद्मनन्दि भडार में सुरक्षित है । इनके अतिरिक्त 'प्रनत व्रत कथा' का परिचय दिया गया है। चुकि पद्मनन्दि मूलसंघ के भी भ० प्रभाचन्द्र के शिष्य पद्मनन्दि की बनाई हुई उप- विद्वान थे, वे दिगम्बर रहते थे और अपने को मुनि कहते लब्ध है, जिसमे ८५ श्लोक है। थे। और यथाविधि तथा यथाशक्य माचार विधि का जीरापल्लि पार्श्वनाथ स्तवन और भावना चतु- पालन कर जीवन यापन करत थे। पता 'अनेकान्त' के स्वामित्व तथा अन्य व्योरे के विषय में प्रकाशक का स्थान वीर सेवा मन्दिर भवन, २१ दरियागज दिल्ली प्रकाशन की अवधि द्विमासिक मुद्रक का नाम प्रेमचन्द राष्ट्रीयता भारतीय पता २१, दरियागज, दिल्ली प्रकाशक का नाम प्रेमचन्द, मन्त्री वीर सेवा मन्दिर राष्ट्रीयता भारतीय २१, दरियागज, दिल्ली सम्पादक का नाम डा० मा. ने. उपाध्ये एम. ए. डी. लिट्, कोल्हापुर डा० प्रेम सागर, बडौत यशपाल जैन, दिल्ली परमानन्द जैन शास्त्री, दिल्ली राष्ट्रीयता भारतीय पता मार्फत वीर सेवा मन्दिर २१, दरियागज, दिल्ली। स्वामिनी संस्था वीर सेवा मन्दिर २१, दरियागंज, दिल्ली मै प्रेमचन्द घोषित करता है कि उपरोक्त विवरण मेरी जानकारी और विश्वास के अनुसार सही हैं। १७-२-७० ह.प्रेमचन्द (प्रेमचन्द)

Loading...

Page Navigation
1 ... 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334